कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा यूनियन कार्बाइड का 347 टन जहरीला कचरा, HC के निर्देश के बाद प्रशासन एक्टिव
प्रशासन भोपाल से पीथमपुर तक सुरक्षा कॉरिडोर बनाकर कचरा पहुंचाएगा। इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक सभी जिलों की पुलिस से समन्वय किया जाएगा।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 40 साल से जमा यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन इसे लेकर एक्टिव हो गया है। बताया जा 347 टन जहरीले रासायनिक कचरे के निपटान के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो गई हैं।
इस रासायनिक कचरे के निपटारे की तैयारी के लिए मंगलवार को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने सभी संबंधित पक्षों की एक बैठक बुलाई गई थी। भोपाल कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, गैस राहत विभाग और प्रदूषण नियंत्रण मंडल आदि विभागों व एजेंसियों के अफसर बैठक में मौजूद थे। बैठक में कचरे के निपटान की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बताया जा रहा है कि प्रशासन भोपाल से पीथमपुर तक सुरक्षा कॉरिडोर बनाकर कचरा पहुंचाएगा। इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक सभी जिलों की पुलिस से समन्वय किया जाएगा। बैठक में कहा गया कि कचरे के निपटान को लेकर जिस तरह से पीथमपुर और इंदौर में विरोध हो रहा है उसके लिए सहमति बनाना जरूरी है।
यूका के इस कचरे के निपटान के लिए केंद्र सरकार ने मप्र सरकार को 126 करोड़ दिए हैं। पीथमपुर में इसका निपटान होना है। इसमें 185 से 377 दिन लग सकते हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते जहरीले कचरे के निष्पादन में लापरवाही पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी। हाई कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड परिसर का जहरीला कचरा एक माह में हटाने के निर्देश दिए थे।
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मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने यह चेतावनी भी जारी कि थी कि अगर कोई भी विभाग इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उनके प्रमुख सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद अब मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।