हमीदिया अस्पताल से नहीं हुई रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी, अस्पताल के स्टोर रूम में ही मिले 450 इंजेक्शन

हाल ही में भोपाल के हमीदिया अस्पताल से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी की खबर आई थी, लेकिन आधे से ज़्यादा इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल में मिल गए हैं, पुलिस का दावा है कि किसी ओहदेदार व्यक्ति तक इंजेक्शन पहुंचाने या कालाबाजारी के लिए अस्पताल प्रबंधन ने चोरी की इस झूठी कहानी को गढ़ा था

Updated: Apr 21, 2021, 05:09 AM IST

भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में हाल ही में 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी होने की खबर आई थी। अब इस पूरे मामले में एक अलग ही मोड़ आ गया है। मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने यह दावा किया है कि अस्पताल से इंजेक्शन की चोरी हुई ही नहीं थी। अस्पताल प्रबंधन ने जानबूझकर चोरी की कहानी गढ़ी थी। ऐसा किसी बड़े अधिकारी को इंजेक्शन पहुंचाने या कालाबाजारी के इरादे से किया गया था। 

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दरअसल पुलिस को कथित तौर पर चोरी हुई इंजेक्शन में से पुलिस को आधे से ज़्यादा इंजेक्शन अस्पताल के भीतर ही मिल गए हैं। लिहाज़ा यह मामला इंजेक्शन की चोरी से ज़्यादा इंजेक्शन की हेराफेरी का नज़र आ रहा है। पुलिस फिलहाल अस्पताल के रिकॉर्ड का मिलान कर रही है।

क्राइम ब्रांच में एएसपी गोपाल धाकड़ ने मीडिया को बताया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई थी। धाकड़ ने बताया कि इसी वजह से इंजेक्शन कि हेराफेरी की जा रही थी। पुलिस अधिकारी ने मीडिया को चोरी की कहानी गढ़ने के पीछे का बड़ा कारण यह बताया कि या तो इन इंजेक्शन को किसी वीवीआईपी व्यक्ति तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही थी, या फिर बाज़ार में इंजेक्शन को बड़े दाम में बेचने की योजना बनाई गई थी। 

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धाकड़ ने मीडिया को बताया कि अस्पताल के स्टोर रूम में ही 450 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल गए। पुलिस अधिकारी ने कहा है कि पुलिस ने रिकॉर्ड को खंगाल कर अब तक इंजेक्शन के 70 फीसदी स्टॉक का मिलान कर लिया है। बाकी के गायब इंजेक्शन के स्टॉक को लेकर अस्पताल के स्टाफ से पुलिस पूछताछ कर रही है।