JNU में अब शिवाजी के अपमान पर छिड़ा संग्राम, ABVP और लेफ्ट कार्यकर्ताओं में हुई झड़प

ABVP का आरोप है कि जेएनयू के छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारा गया और तोड़ फोड़ कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को फेंका गया।

Updated: Feb 20, 2023, 04:16 AM IST

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर बड़ा बवाल शुरू हो गया है। शिवाजी जयंती के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट के कार्यकर्ता भिड़ गए। लेफ्ट का आरोप है कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है। वहीं ABVP का आरोप है कि लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी महाराज की तस्वीर को नीचे फेंका है।

इस पूरे विवाद को लेकर ABVP ने कई तस्वीरें शेयर की हैं। उन तस्वीरों में शिवाजी की फोटो नीचे गिरी दिख रही है, फूल भी जमीन पर बिखरे हुए हैं। उन तस्वीरों के साथ ABVP ने कहा है कि जेएनयू में छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारा गया और तोड़ फोड़ कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को फेंका गया। विद्यार्थी परिषद इसकी कड़ी निंदा करती है एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग करती है।

वहीं जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) ने भी इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है। JNUSU ने बयान जारी कर कहा, ‘एबीवीपी ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है। यह दर्शन सोलंकी के पिता के आह्वान पर एकजुटता दिखाने के लिए निकाली गई कैंडल लाइट मार्च के तुरंत बाद किया गया था। एबीवीपी ने एक बार फिर जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए ऐसा किया है।'

बता दें कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले 18 वर्षीय सोलंकी ने 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे के कैंपस में स्थित हॉस्टल की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। जेएनयूएसयू ने इसे लेकर एकजुटता दिखाने के लिए कैंडल लाइट मार्च निकाला था। लेफ्ट का आरोप है कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने इस शांतिपूर्ण मार्च को भी पूरा नहीं होने दिया और इसे रोकने की कोशिश की।

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हालांकि, इन आरोपों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सिरे से खारिज कर दिया है। संगठन का दावा है कि वो तो शिवाजी जयंती मना रहा था। लेकिन JNUSU के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी की तस्वीर से माला हटा दी थी और उसे फेंक दिया। इसी वजह से विवाद शुरू हो गया। मामले पर जेएनयू प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।