बापू के हत्यारे के झूठे महिमामंडन की तैयारी, गोडसे के नाम पर यात्रा निकालेगी हिन्दू महासभा

14 मार्च को ग्वालियर से दिल्ली के लिए यात्रा निकालने का हिन्दू महासभा का एलान, लोगों को गुमराह करके महात्मा गांधी के प्रति नफ़रत फैलाना और बर्बर हत्यारे की झूठी तारीफ़ करना है असली मक़सद

Updated: Mar 07, 2021, 12:46 PM IST

ग्वालियर। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम पर यात्रा निकालने का एलान किया है। एक जघन्य अपराधी का महिमामंडन करने वाली यह यात्रा 14 मार्च को ग्वालियर से दिल्ली के लिए निकालने की तैयारी की जा रही है। हिन्दू महासभा की योजना इस यात्रा के जरिए घूम-घूमकर हत्यारे की तारीफ करने वाली झूठी कहानियों का दुष्प्रचार करने की है। 

हिन्दू महासभा ने दौलत गंज में पार्टी की बैठक के दौरान ग्वालियर से दिल्ली तक की इस यात्रा का खाका तैयार कर लिया है। महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जोशी का दावा है कि नाथूराम गोडसे हिंदुओं के साथ हो रहे अन्याय से व्यथित था। एक बर्बर हत्याकांड को न्यायसंगत ठहराने की खोखली कोशिश के तहत वे यह झूठी दलील भी देते हैं कि गोडसे ने देश के लिए खुद को बलिदान कर दिया।

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने दावा किया कि इस यात्रा के जरिए हम यह बताना चाहते हैं कि देश की आजादी में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे ने भी योगदान दिया था। देश के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े नायक की हत्या करने का मतलब आज़ादी की लड़ाई में योगदान देना है, यह किसी संतुलित दिमाग वाले शख्स के लिए मानना असंभव है। हैरानी की बात है कि जिस गोडसे को आज़ादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेजों पर कभी गुस्सा नहीं आया, उसने देश की आज़ादी के महानायक और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्श बापू की हत्या कर दी। फिर भी कुछ लोग गलत जानकारियों के भ्रमजाल और नफरत की भावना में उलझकर हत्यारे को आदर्श बताने की भयंकर भूल करते हैं। 

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हिन्दू महासभा के लोग बापू के हत्यारे की झूठी तारीफें करने की कोशिश अक्सर करते रहते हैं। इसी कोशिश के तहत महासभा ने कुछ दिनों पहले ग्वालियर में गोडसे ज्ञानशाला शुरू की थी। ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने का एलान भी किया जा चुका है। हत्या और हिंसा की विचारधारा को न सिर्फ जायज ठहराने, बल्कि उसके महिमामंडन की ऐसी शर्मनाक कोशिशें सरकार और प्रशासन द्वारा बार-बार नजरअंदाज किए जाने के कारण ही बार-बार की जाती हैं।