महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर फिर धांधली, फर्जी तरीके से दर्शन कराने वाला युवक गिरफ्तार
युवक ने सात श्रद्धालुओं से शीघ्र दर्शन के नाम पर 7700 रूपये लेकर उपयोग की जा चुकी टिकट से दर्शन करवाने का प्रयास किया। लेकिन जांच में वह पकड़ा गया।

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर एक बार फिर से बड़ी धांधली सामने आई है। यहां फर्जी तरीके से दर्शन कराने वाले एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि युवक ने सात श्रद्धालुओं से शीघ्र दर्शन के नाम पर 7700 रूपये लेकर उपयोग की जा चुकी टिकट से दर्शन करवाने का प्रयास किया। लेकिन जांच में पकड़ा गया।
मामले में महाकाल थाना पुलिस ने केस दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया है। महाकाल मंदिर के ओएसडी जयंत राठौर ने बताया कि कल सुरक्षा प्रभारी अनुराग चौबे निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान गोलामंडी का अजय बैरागी उमरिया निवासी अनंत कुमार साहू, दिल्ली के रवि कुमार व पांच अन्य दर्शनार्थियों को वीआईपी मार्ग से मंदिर में ले जाते दिखा। पूछा तो उसने श्रद्धालुओं को पुरोहित राजेश व्यास का जजमान बताया। उनके शीघ्र दर्शन टिकट चेक किए तो टिकट पर उक्त श्रद्धालुओं की जगह किसी अन्य के नाम थे।
पूछताछ में पता चला अजय ने वीआईपी शीघ्र दर्शन कराने के लिए प्रति दर्शनार्थी 1100 रुपये लिए। जानकारी के बाद अजय को महाकाल थाने को सौंप दिया। बता दें कि महाकाल मंदिर में आए दिन इस तरह से गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।
टीआई गगन बादल ने बताया कि महाकाल मंदिर सुरक्षा प्रभारी की ओर से सात लोगों से दर्शन के नाम करीब 1100 रुपये लेने की शिकायत की है। मामले में अजय के खिलाफ बीएनएस 318 (4) के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया है। प्रकरण विवेचना है मामले में जांच के बाद और भी नाम सामने आ सकते हैं। बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपये की टिकट बनती है, जिस पर संबंधित व्यक्ति एक बार दर्शन कर सकता है।
महाकाल दर्शन के नाम पर ठगी की शिकायतों के बाद प्रोटोकाल व टिकट लेकर आने वाले दर्शनार्थियों के लिए तीन स्तर पर टिकट की जांच कराने व रजिस्टर में संबंधित का नाम दर्ज किए जाते हैं। मंदिर के जल द्वार पर टिकट स्केन करने के बाद दर्शनार्थी के मंदिर में प्रवेश करते ही टिकट फाड़कर डस्टबीन में फेंक दिया जाता है। फिर कैसे टिकट बिना फटे बाहर पहुंचा। निश्चित ही इसमें अन्य लोगों की भी मिलीभगत जो जांच में सामने आ सकती है।