अग्निवीर सैनिकों के साथ हो रहा है सौतेला व्यवहार, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र

अग्निवीर योजना को लेकर राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में योजना को लेकर अपनी चिंताएं सामने रखी है और हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है।

Updated: Jun 01, 2024, 09:07 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि देश में अग्निवीर सैनिकों के साथ सैतेला व्यवहार हो रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि, 'आप भारत के तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं। मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने कले अग्निवीरों के साथ न्याय करने तथा उन्हें मिलने वाले सम्मान और सुविधाओं में ही रहे भेदभाव को समाप्त करने की अपील कर रहा हूं। हमारी सेनाओं से जुड़े इस बेहद ही गंभीर मसले पर आपके ध्यान आकर्षण की त्वरित आवश्यकता है।'

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, 'कुछ दिन पहले मैं पंजाब के रामगढ़ सरदारन गांव में 23 वर्षीय अग्निवीर अजय कुमार के परिवार से मिलने गया था। उन्होंने इस साल जनवरी में जम्मू-करमीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सर्वोच्च बलिदान दिया था। हर भारतीय की तरह मैं भी इस त्रासदी से आहत हूं, जिसने इतनी कम उम्र में अजय की जान ले ली। इसके अलावा, मैं यह देखकर भी हैरान था कि उनका परिवार बेहद गरीबी में जीने को मजबूर है। मैं अजय की 6 बहनों और उसके माता-पिता से मिला, जो दिहाड़ी मजदूर हैं और एक कमरे के घर में रहते हैं। उनके परिवार ने अजय के जीवन के बारें में दुःख व्यक्त किया और कहानियां साझा कीं।' 

राहुल गांधी ने लिखा है कि अजय के परिजनों ने सरकार की उदासीनता के बारे में भी बताया- अजय के परिवार को नियमित सैनिकों के परिवारों को मिलने वाले आजीवन लाभ या सामाजिक सुरक्षा में से कुछ भी नहीं मिला है। इसका मतलब है कि उन्हें पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, शिक्षा के लिए सहायता या रोजगार में वरीयता नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे लिखा, 'सिर्फ अग्निवीर होने की वजह से देश की सेवा करने के अजय के सपने, उनकी कड़ी मेहनत और सर्वोच्च बलिदान के बावजूद, उनके परिवार की वह सम्मान और पहचान नहीं मिल पाती जो अन्य सैनिकों को मिलती है। अजय के परिवार के सामने जो दुखद स्थिति है, वह अन्याय है जिसका सामना आज हजारों अग्निवीर कर रहे हैं और भविष्य में लाखों और लोग करेंगे। यह अग्निवीर सैनिकों के साथ सौतेला व्यवहार है, जिनसे कम वेतन, लाभ और संभावनाओं के साथ समान कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। यह संयोग से नहीं, बल्कि सरकार की दूर योजना का प्रयोग है। अजय जैसे गरीब परिवारों के बच्चे जो देश के लिए कुर्बान हो जा रहे हैं, बदले में उनके परिवार को देश क्या दे रहा है? यह साफ अन्याय है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी और हमारे INDIA के सहयोगियों ने अग्रिपथ योजना का कड़ा विरोध किया है, और वादा किया है कि अगर हम सरकार बनाते हैं तो इसे निरस्त कर देंगे।'

अपने पत्र में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप करने की मांग उठाते हुए लिखा, 'मैं आपसे निवेदन करता हूं कि इस मामले की गंभीरता को समझाते हुए आप हस्तक्षेप करें। मैं मानता हूं कि आमतौर पर निर्वाचित सरकार के नीतिगत मामलों में राष्ट्रपति का हस्तक्षेप नहीं होता है। अग्निवीर का मामला अपवाद की तरह देखा जाना चाहिए। आप सशस्त्र बलों और सेनाओं की सुप्रीम कमांडर हैं। आपने खुद को देशवासियों की भलाई के लिए न्यौछावर करने की शपथ ली है। क्या अग्निवीर सैनिकों के साथ हो रहा यह भेदभाव हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा नहीं करता? क्या यह हमारे युवाओं के साथ अन्याय नहीं है जो अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सुरक्षा में बहादुरी से लगे हैं? क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है कि हम अजय के माता-पिता, बहनें और अन्य शहीद परिवारों की भलाई का ख्याल रखें।'