विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में घमासान, महाराज और नाराज गुट ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ खोला मोर्चा

मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज से की मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत, कहा- उसे समझा लो वरना ठीक नहीं होगा, एक ही जिले के रहनेवाले हैं तीनों मंत्री

Updated: May 24, 2023, 11:14 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी में घमासान और अंतर्कलह कम होती नहीं दिख रही है। विधानसभा चुनाव से पहले कथित महाराज और नाराज गुट ने शिवराज गुट के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। सागर जिले से ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां महाराज गुट के मंत्री गोविंद सिंह और नाराज गुट के मंत्री गोपाल भार्गव ने शिवराज गुट के भूपेंद्र सिंह की कार्यशैली को लेकर पार्टी फोरम पर शिकायत की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री व सीनियर नेता गोपाल भार्गव, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने विधायक शैलेंद्र जैन, विधायक प्रदीप लारिया और सागर जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। चर्चा है कि इस मुलाकात में सभी ने नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह की जमकर शिकायत की।

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एक हिंदी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत के दौरान स्थिति यहां तक पहुंच गई कि शिकायत करने गए नेताओं ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसे ही हालात रहते हैं तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। करीब 45 मिनट तक मुख्यमंत्री ने तमाम मसलों पर भार्गव-राजपूत की बात सुनी और उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी मुद्दों का हल निकाला जाएगा। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक भार्गव-राजपूत का आरोप है कि 
भूपेंद्र सिंह ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे हैं, जो उनके विरोधी हैं और छवि खराब की जा रही है। सीएम से मुलाकात के बाद वे भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के पास भी गए। इस दौरान उन्होंने सागर जिले के प्रशासनिक व्यवस्था से लेकर हर मामले में भूपेंद्र सिंह की दखलंदाजी की जानकारी दी।

सूत्रों के मुताबिक विवाद उत्पन्न होने की वजह व्यवसाय और कमीशनखोरी है। दरअसल, सागर जिले से तीन कैबिनेट मंत्री हैं। ऐसे में विवाद गहराना लाजमी है। मंत्री भूपेंद्र सिंह सीएम शिवराज के करीबी हैं और वे इसका भरपूर फायदा उठाते हैं। वहीं, अन्य मंत्री अपने स्वयं के क्षेत्र में भी अपने हिसाब से काम नहीं करा पा रहे हैं। इसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हुई है। जानकार बताते हैं कि यदि ऐसा ही रहा तो महाराज और नाराज गुट मिलकर शिवराज गुट को मंत्री भूपेंद्र सिंह को चुनाव में हरवा भी सकते हैं।