अरुण यादव ने ठुकराया शिवराज का ऑफर, सत्ता के लिए पार्टी से नहीं करेंगे गद्दारी, दिग्विजय सिंह ने दी शाबाशी

सीएम शिवराज ने खंडवा में खुले मंच से निमाड़ क्षेत्र के प्रभावशालीझ नेता अरुण यादव को बीजेपी ज्वाइन करने का दिया था ऑफर, यादव का जवाब - कांग्रेस ने बिन मांगे बहुत कुछ दिया, मेरा सरनेम यादव है, कोई शिंदे या सिंधिया नहीं जो गद्दारी करूं

Updated: Jun 30, 2022, 07:24 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर सियासी माहौल गर्म है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता अरुण यादव को पाला बदलकर सत्ताधारी दल बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया। अब इसपर अरुण यादव का जवाब आया है। उन्होंने कहा कि मैं सत्ता के लिए पार्टी से गद्दारी नहीं कर सकते, मेरा सरनेम यादव है सिंधिया नहीं। यादव की इस प्रतिक्रिया से एक ओर जहां बीजेपी खेमे ने चुप्पी साध ली है, वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उन्हें शाबाशी देते हुए कहा कि हमें आप पर गर्व है।

दरअसल, बीते दिनों CM शिवराज ने खंडवा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भरे मंच से अरुण यादव को पाला बदलकर बीजेपी में आने का ऑफर दिया था। सीएम चौहान ने कहा था कि अरुण भैया उधर कांग्रेस में क्या कर रहे हो? मध्य प्रदेश कांग्रेस में केवल एक ही नाम चलता है वो है कमलनाथ का। आपको यहां कौन पूछ रहा है? 

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अरुण यादव ने इसपर पलटवार की करते हुए ट्वीट किया, 'धन्यवाद शिवराज जी, आपने कांग्रेस के एक छोटे से कार्यकर्ता को सत्ता में आमंत्रित किया है। कांग्रेस पार्टी ने मुझे और मेरे परिवार को बिन मांगे ही बहुत कुछ दिया है। हम सत्ता में ज़रूर आयेंगे, मगर भाजपा के साथ नहीं कांग्रेस की सरकार बनाकर आएंगें।' यादव के इसी बात पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शाबाशी दी है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव ने मीडिया से कहा कि, 'मेरी राजनैतिक अंकसूची में मेरी बल्दियत एक ही है, मेरे उपनाम के आगे यादव लिखा जाता है, कोई ‘शिंदे-सिधिया’ नहीं। कांग्रेस मेरी मां है, कांग्रेस ने मेरे पिताजी को विधायक, सांसद, मंत्री और उपमुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जैसे पदों पर बिठाया है। मुझे कम उम्र में ही कांग्रेस पार्टी ने सांसद, केंद्रीय मंत्री, पार्टी का राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस की कार्यसमिति जैसी महत्वपूर्ण इकाईयों में जगह दी। मेरे छोटे भाई सचिन यादव को विधायक और मंत्री बनाया।'

यादव ने आगे कहा कि, 'मेरे परिवार के हर व्यक्ति के शरीर की एक-एक रग में कांग्रेस का खून बहता है और हमें उससे ऊर्जा मिलती है। अपने राजनैतिक और व्यावसायिक हितों के लिए गद्दारी का मेरे उच्च आदर्शों वाले परिवार में किंचित मात्र भी स्थान नहीं हैं। आपकी सत्ता की लालसा और कुटिल राजनैनिक सोच मुझे और मेरे परिवार कभी भी प्रभावित नहीं कर पायेगी। कृपा कर भगवान कृष्ण के वंशजों और देश की आजादी के आंदोलन से गद्दारी करने वाले परिवारों से हमारी तुलना न करें।'