बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों से पूरा देश चिंतित किया है, हम इसकी निंदा करते हैं, CWC में बोले खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दो दिन पहले Christmas के मौके पर कई इलाकों में बीजेपी, RSS और इनसे संबंधित संगठन के लोगों ने भाईचारा और सौहार्द बिगाड़ने का काम किया। इससे दुनिया के सामने हमारी छवि धूमिल हुई है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में शनिवार सुबह वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम दिग्गज मौजूद रहे। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की।
CWC को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, 'साथियों, हाल के महीनों में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों ने पूरे देश को चिंतित किया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। एक और बात मेरे जेहन में आ रही है। दो दिन पहले Christmas के मौके पर कई इलाकों में बीजेपी, RSS और इनसे संबंधित संगठन के लोगों ने भाईचारा और सौहार्द बिगाड़ने का काम किया। इससे दुनिया के सामने हमारी छवि धूमिल हुई है।'
CWC की बैठक में खड़गे ने कहा कि हम आज ऐसे मौके पर विचार और भविष्य की रणनीति बनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जब देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया है। हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने MGNREGA को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है। गरीबों के पेट पर लात मारने के साथ उनकी पीठ में मोदी सरकार ने छूरा घोंपा है। MGNREGA को समाप्त करना, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का अपमान है।
खड़गे ने आगे कहा, 'साथियों, MGNREGA UPA सरकार का ऐसा दूरदर्शी कदम है जिसे पूरे विश्व ने सराहा। जब मैं लेबर मिनिस्टर था तो मैं G-20 देशों के ILO सम्मेलनों में जाता था,तो दूसरे देशों के PM और मंत्रियों ने इस योजना की बहुत तारीफ की थी। इस बात का गवाह हूं। 2 फरवरी, 2006 को बंडलापल्ली, आंध्र प्रदेश में सोनिया गांधी जी और डॉ मनमोहन सिंह जी ने MGNREGA की शुरुआत की थी। इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल, भूख, और शोषण से मुक्ति मिली। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मज़दूरों को भरोसा दिया कि गरीबी से जंग में सरकार उनके साथ खड़ी है।'
खड़गे ने कहा, 'आज भारत में गरीबी से मुक्ति पाई एक पूरी पीढ़ी मौजूद है जो मनरेगा की बदौलत स्कूल पहुँची, पढ़ी-लिखी और सम्मान से जी रही है। इस योजना का असर देख कर ही इसे राष्ट्रपिता के नाम पर समर्पित किया गया था। पर मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन या मूल्यांकन के, राज्यों से या राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा के बिना इसे खत्म करके नया कानून थोप दिया। सारा काम तीन काले कृषि कानूनों जैसा किया। इस समय देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है। इसका पुरजोर विरोध देश के हर कोने में होना चाहिए। क्योंकि इसके पहले जनवरी 2015 में जब मोदी सरकार ने corporate हितों में भूमि अधिग्रहण कानून बदला तो कांग्रेस के लोग सड़कों पर उतरे और सरकार को पीछे हटना पड़ा।'
खड़गे ने कहा कि जून 2020 में lockdown के बीच मोदी जी ने Ordinance लाकर तीन काले कृषि कानून थोप दिए। संसद में विपक्ष के विरोध के बाद भी कानून पास हो गया। इसके विरोध में आंदोलन कर रहे 700 से अधिक किसानों ने शहादत दी। सरकार ने कीलें बिछाईं, पानी की बौछारें चलाईं, उनका दमन किया। हम किसानों के हक में डटे रहे और नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री को किसानों से माफ़ी माँगते हुए कानून वापस लेने पड़े। इन काले कानूनों के वापसी की भविष्यवाणी राहुल जी ने बहुत पहले कर दी थी। और हाल में उन्होंने ये भी भविष्यवाणी की है कि मोदी सरकार को दुबारा MGNREGA बहाल करना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि साथियों 76 सालों में संविधान ने देश के नागरिकों को इतना सिखा दिया है कि कोई तानाशाह उनका अधिकार छीन नहीं सकता।पर यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि हम MGNREGA पर ठोस योजना बनाएं, राष्ट्रव्यापी, जन-आंदोलन खड़ा करें। यह लड़ाई हम जीतेंगे। इस कठिन हालत में देश भर के कमजोर लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं। एक साल पहले बेलगावी, कर्नाटक से हमने ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत की थी। अब तक देश के करीब 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अगले 120 दिनों में शेष जिलों में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पर बात केवल नियुक्तियों तक सीमित नहीं है। हमें प्रदेश, ज़िला, ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर संगठन को सक्रिय, जवाबदेह और लड़ाकू बनाना होगा।
खड़गे ने कहा कि अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होने हैं। हमारी तैयारियां जारी हैं। हम संगठित हो कर, पूरी एकता से चुनाव लड़ेंगे और लोकतंत्र को ताकतवर बनाएंगे। आज SIR एक गंभीर चिंता का विषय है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची समझी साजिश है। राहुल जी ने बार-बार तथ्यों और उदाहरणों के साथ ‘वोट चोरी’ का प्रमाण देश के सामने रखा है। बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत जगजाहिर है। इसलिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारे वोटरों के नाम न काटे जाएँ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'हमें देखना होगा कि मतदाता सूची से गरीब और कमजोर तबकों के लोगों के खास तौर पर दलित, आदिवासी, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम न कटने पाएं। न ही उन्हें दूसरे बूथों में TRANSFER किया जाए। इसके लिए हमारे BLAs को वोटर लिस्ट लेकर घर-घर जाना होगा। 2027 में जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां भी अभी से एकजुट होकर मतदाता सूचियों से लेकर सभी तैयारी में लग जाना चाहिए।'




