भोपाल में 15 अगस्त को मांस बिक्री पर प्रतिबंध, वकील ने नगर निगम के आदेश को बताया असंवैधानिक

वकील दीपक बुंदेले ने भोपाल नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश नागरिक अधिकारों का हनन करने वाला है।

Updated: Aug 12, 2023, 10:07 AM IST

भोपाल। भोपाल नगर निगम (BMC) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहर में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है। नगर निगम ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर कहा कि 15 अगस्त को संपूर्ण नगर निगम भोपाल की सीमा में मांस विक्रय पूर्णतः बंद रहेगा। यदि इस दिन कोई मांस विक्रय करता हुआ पाया जाता है तो उसका लायसेंस निरस्त करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। नगर निगम का यह आदेश अब विवादों में घिर गया है।

उच्च न्यायालय अधिवक्ता दीपक बुंदेले ने इस आदेश को असंवैधानिक और नागरिक अधिकारों का हनन करने वाला करार देते हुए भोपाल नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखा है। बीएमसी कमिश्नर को संबोधित पत्र में दीपक बुंदेले ने कहा है कि, 'मांस विक्रय को पूर्णत: प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। आपको ज्ञात होना चाहिए कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत भारत प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार तथा जीविका की अधिकार प्राप्त है।'

बुंदेले ने नोटिस में आगे लिखा है कि, 'भोपाल निगम द्वारा जारी आदेश नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है। इस आदेश से हजारों नागरिक जो रोजाना मांसाहार पर ही जीवित हैं तथा मांस विक्रय से ही जीवन यापन कर रहे हैं, उनके जीवन के समक्ष संकट पैदा हो जाएगा। बुंदेले ने नगर निगम कमिश्नर को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया जाता तो वह उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे।

मामले पर वकील दीपक बुंदेले ने हम समवेत से बातचीत के दौरान कहा कि, 'वर्तमान समय में मांस को प्रतिबंधित करने का चलन हो गया है और भोपाल नगर निगम द्वारा भी इस अनुचित ट्रेंड को फॉलो किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिवस होता है। लेकिन स्वतंत्रता दिवस के दिन ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों को तहस नहस करना कहां तक न्यायोचित है। खाना-पीना व्यक्ति के मौलिक अधिकार से जुड़ा मामला है। संविधान का 21वां अनुच्छेद लोगों के जीवन के अधिकार के तहत खाने-पीने की स्वतंत्रता देता है। विडंबना ये है कि भोपाल में स्वतंत्रता दिवस के दिन ही नागरिकों को खाने-पीने की स्वतंत्रता छीना जा रहा है।'