भोपाल: खेत में मिला काले हिरण का शव, गोली मारकर शिकार की आशंका
भोपाल से करीब 40 किमी दूर स्थित बरखेड़ा सालम गांव के एक खेत में मंगलवार सुबह एक वयस्क काले हिरण का शव मिला।

भोपाल से करीब 40 किमी दूर स्थित बरखेड़ा सालम गांव के एक खेत में मंगलवार सुबह एक वयस्क काले हिरण का शव मिला। शव लगभग 15 से 20 घंटे पुराना था और उसके गर्दन के पास गहरा घाव पाया गया, जिससे गोली मारकर शिकार करने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, शिकारी किसी कारणवश शव को साथ नहीं ले जा सके। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर हिरण के शव को भोपाल के जेल पहाड़ी स्थित पशु अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, जहां डॉ. संगीता धमीजा और एक अन्य डॉक्टर की पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। इसके बाद वन विभाग ने शव का दाह संस्कार कर दिया।
पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर संगीता धमीजा ने बताया कि काले हिरण का शव वन विभाग की टीम द्वारा बरखेड़ा सालम से लाया गया था और 2 से 3 दिनों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, जो वन विभाग को सौंप दी जाएगी। हालांकि, गोली लगने के सवाल पर डॉक्टर और वन विभाग के अधिकारी खुलकर जवाब नहीं दे पा रहें हैं। एसडीओ धीरज सिंह चौहान ने भी हिरण की मौत के कारणों के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं बताया, बस इतना कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
यह घटना प्रदेश में वन्यजीव शिकार की लगातार बढ़ती घटनाओं की कड़ी में एक और मामला जोड़ती है। 5 महीने पहले भी भोपाल के बिशनखेड़ी क्षेत्र में एक गर्भवती काले हिरण का शव मिला था, जिसके शिकार के पीछे जंगली कुत्तों का हाथ होने की संभावना जताई गई थी। ग्रामीणों का कहना था कि उस समय इलाके में भेड़ वाले भी मौजूद थे, जिनके साथ रहने वाले कुत्ते काफी हिंसक होते हैं और शिकार कर सकते हैं।
इस साल मध्य प्रदेश में 1 जनवरी 2024 से अब तक 115 वन्यजीवों का अवैध शिकार हो चुका है, जिनमें 24 तेंदुए, 20 चीतल, 16 नीलगाय, 14 जंगली सूअर और 3 काले हिरण शामिल हैं। काले हिरण के शिकार के मामले रायसेन, सीहोर और सागर जिलों में सामने आए हैं।
उधर, वन विहार में नर तेंदुआ शावक 'वीर' की भी हाल ही में मौत हो गई। वह छिंदवाड़ा वनमंडल से रेस्क्यू कर लाया गया था और उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। तेंदुआ शावक का इलाज चल रहा था, लेकिन वह बच नहीं सका। वन विभाग द्वारा तेंदुए के शव का भी मंगलवार को दाह संस्कार किया गया और सैंपल जांच के लिए जबलपुर और भोपाल भेजे गए हैं।
वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रही हैं। वहीं काले हिरण की दुर्लभ प्रजाति का शिकार करना कानूनी उल्लंघन है।