प्रिंटिंग घोटाले में कोर्ट का बड़ा फैसला, झाबुआ के पूर्व कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ सहित सात को सजा

भ्रष्टाचार के इस मामले में 13 साल बाद न्यायालय का फैसला आया है। कोर्ट ने झाबुआ के तत्‍कालीन कलेक्‍टर और सीईओ सहित 7 अधिकारियों को चार साल की सजा सुनाई गई। सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Publish: Sep 03, 2023, 01:12 PM IST

झाबुआ। भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के एक मामले में झाबुआ विशेष न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने प्रिटिंग घोटाला केस में झाबुआ के तत्‍कालीन कलेक्‍टर और सीईओ सहित 7 अधिकारियों को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

कोर्ट ने शनिवार को प्रिंटिंग घोटाले का दोषी मानते हुए झाबुआ के पूर्व कलेक्टर जगदीश शर्मा, जिला पंचायत सीईओ जगमोहन धुर्वे सहित अन्य 4 शासकीय सेवकों को 4-4 साल की सजा व पांच -पांच हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपने शासकीय पद का दुरुपयोग करते हुए निजी प्रिंटिंग प्रेस संचालक को अनुचित ढंग से 27 लाख रूपये से अधिक का आर्थिक लाभ पहुंचाया। 

मामले में लाभ प्राप्त करने वाले भोपाल के राहुल प्रिंटर्स के संचालक मुकेश शर्मा को भी 7 वर्ष की सजा व 10 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह सजा विशेष न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने सुनाई। इस मामले में कुल 9 आरोपी थे जिनमें से दो बरी हो गए। शेष सातों आरोपियों को सजा सुनाने के बाद झाबुआ के जिला जेल भेज दिया गया है। उक्त प्रिंटिंग घोटाला 27 लाख 70 हजार 725 रूपये का बताया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2008-09 के बीच शासकीय सेवकों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासकीय प्रिंटिंग प्रेस से शासकीय छपाई नही करवाते हुए निजी प्रिंटिंग प्रेस से ज्यादा दर में छपाई करवाई और संबंधित को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया था। इस मामले में 13 साल बाद आरोपियों को सजा दी गई। मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में हुई कमीशनखोरी की पोल खुलने लगी है। हम भाजपा की 50 फीसदी कमीशनखोर सरकार से प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाएंगे।