व्यापमं पेपर लीक कांड में बड़ा खुलासा, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से ही आउट हुआ था पर्चा, कॉलेज ब्लैकलिस्ट

पीईबी ने प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज को ब्लैकलिस्ट कर दिया है

Updated: Aug 10, 2022, 03:52 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में पेपर लीक की बात प्रोफेशनल एग्जामिनिशन बोर्ड (PEB) ने भी मान ली है। मार्च 2022 में हुए इस पेपर लीक कांड में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम जुड़ गया है। बोर्ड ने साफ किया है कि पेपर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से ही आउट हुई थी। इतना ही नहीं मंत्री राजपूत के सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है।

बोर्ड के चेयरमैन मलय श्रीवास्तव ने कहा है कि सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट को आगे कभी भी परीक्षा सेंटर नहीं बनाया जाएगा। ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट के साथ ही ग्वालियर के सर्वधर्म महाविद्यालय को भी अब कभी परीक्षा सेंटर नहीं बनाने की बात कही गई है। चेयरमैन श्रीवास्तव ने बताया कि गड़बड़ी की रिपोर्ट एमपी नगर पुलिस को सौंप दी गई है। शुरुआती रिपोर्ट में इन दोनों कॉलेजों के अलावा 5 अभ्यर्थियों की भूमिका जांच के घेरे में है। जिसके बाद इनके खिलाफ भोपाल के एमपी नगर थाने में FIR दर्ज कर ली गई है।

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बता दें कि पीईपी की इस परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली हुई थी। परीक्षा के दिन ही पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद वायरल हुए एक स्क्रीनशॉट की जांच MAPIT को दी गई थी। मैपआईटी ने अपनी जांच में कहा था कि रोल नंबर 23165920 के जिस परीक्षार्थी का पर्चा वायरल बताया है वह परीक्षा में सोच समझकर संगठित तरीके से सेंधमारी है। जिस सिस्टम का यह स्क्रीनशॉट है वह परीक्षा दे रहे स्टूडेंट के सिस्टम से सीधे नहीं लिया गया। एग्जाम सेंटर के सिस्टम में ही सेंधमारी कर उसे बाहर से संचालित किया जा रहा था। मैपआईटी ने अपनी रिपोर्ट व्यापमं को दे दी थी लेकिन तब व्यापमं ने जांच की बात कहकर रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की थी।

पेपर लीक कांड में मंत्री का नाम सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने शिवराज सरकार पर चौतरफा हमला बोला है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने सीएम चौहान से अपील की है कि मंत्री का इस्तीफा लिया जाए।

युवा कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'सिंधिया गैंग ने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए कांग्रेस से पाला बदला था। कमलनाथ सरकार के दौरान उन्हें घोटाले के मौके नहीं मिल रहे थे। इसलिए उन्होंने जनादेश को बेच दिया। अब वे शिवराज गैंग के साथ मिलकर घोटाले कर रहे हैं। प्रदेश का युवा आने वाले समय में इन घोटालेबाजों को सबक सिखाएगा।'