BL Santosh: एमपी बीजेपी में असंतोष थामने के लिए संतोष का अल्टीमेटम

MP By Poll 2020: ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग में सबसे ज्यादा नाराज़गी, पार्टी में गहराई चिंता

Updated: Sep 12, 2020, 03:58 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं और 27 सीटों पर बीजेपी के अंदरूनी सर्वे बता रहे हैं कि पार्टी की करारी हार होने वाली है। कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और समर्थकों को लेकर पार्टी में असंतोष है। नाराज़ नेता और कार्यकर्ता उपचुनाव की तैयारी में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस असंतोष को खत्म करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने चुनिंदा मंत्रियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने साफ साफ कह दिया कि जहां हारेंगे उस क्षेत्र के मंत्री की माइनस मार्किंग होगी। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में उपजे असंतोष को थाम नहीं पा रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग में सबसे ज्यादा नाराज़गी दिखाई दे रही है। क्षेत्र के क़द्दावर नेता सतीश सिकरवार पार्टी की नीतियों से ख़फ़ा हो कर कांग्रेस के साथ आ गए हैं। उनके जैसे अन्य टिकट के दावेदार भी सिंधिया खेमे को मिल रही तवज्जो से रुष्ट हैं। उन नेताओं में ज्यादा ग़ुस्सा है, जो पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे और उनका टिकट काट कर उपचुनाव में सिंधिया समर्थकों को ही टिकट मिलेगा। इस असंतोष से पार्टी में हार की चिंता गहरा गई है। 

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इस नाराज़गी के असर को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा है कि यदि इस असंतोष का असर चुनाव परिणाम पर दिखाई दिया तो यह अच्छा नहीं होगा। किसी मंत्री के प्रभाव क्षेत्र से पार्टी हार जाएगी तो इस हार का पहला ज़िम्मेदार वह मंत्री ही होगा। 

बैठक में जयभान सिंह पवैया, माया सिंह, गौरीशंकर शेजवार, रुस्तम सिंह और लालसिंह आर्य भी मौजूद थे। ये वही नेता हैं जिनकी नाराज़गी की खबरें पार्टी मुख्यालय तक पहुंची हैं और जिन्हें मनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित संगठन के अन्य नेता कई प्रयास कर चुके हैं। 

ग़ौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंत्रियों को दो टूक कह चुके हैं कि सारा रुतबा सरकार रहने पर ही है। सरकार गई तो रुतबा भी चला जाएगा। इसलिए नाराजी छोड़ कर काम करें।