आदिवासी गौरव पर यातनाओं का कहर ढा रहे हैं भाजपाई, शिवराज सरकार पर बरसे सुरजेवाला

सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ न सिर्फ अमानवीयता की सारी हदें पार की हैं, बल्कि उनकी नरपिशाचिक करतूतों ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है: सुरजेवाला

Updated: Sep 20, 2023, 07:35 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार की घटनाएं नहीं थम रही है। अनूपपुर में भाजपा नेता द्वारा आदिवासी युवक के साथ मारपीट का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस इस घटना को लेकर भाजपा पर हमलावर है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आदिवासी गौरव पर भाजपा के लोग यातनाओं का कहर ढा रहे हैं।

सुरजेवाला ने बुधवार को पीसीसी मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश टंट्या भील, भीमा नायक, बादल भोई जैसे सैकड़ों स्वाभिमानी आदिवासी नायकों की पुण्य भूमि है। मध्य प्रदेश के कण-कण में इन नारों की अनुगूंज सुनाई देती है - ‘‘जंगल, जमीन कोन री छे, आमरी छे-आमरी छे’’। ‘‘एक तीर, एक कमान - आदिवासी एक समान’। मध्य प्रदेश को यह गौरव हासिल है कि देश के सबसे अधिक आदिवासी समाज के लोग अनादिकाल से यहाँ के मूल निवासी हैं। मगर 18 सालों के शिवराज राज में वे वीभत्स यातना, अमानवीय प्रताड़ना तथा आत्मा छलनी करने वाले कुकृत्यों के शिकार हैं और सीएम शिवराज इसके जिम्मेदार हैं।'

सुरजेवाला ने आगे कहा, 'सत्ता के नशे में मदमस्त भाजपा नेताओं ने आदिवासी समाज के खिलाफ न सिर्फ अमानवीयता की सारी हदें पार की हैं, बल्कि उनकी नरपिशाचिक करतूतों ने पूरे मध्य प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। कभी आदिवासी समाज के लोगों को अपमानित करने के लिए सरेआम निर्ममता से उनके ऊपर पेशाब करते हैं और वीडियो बनाकर वायरल कर देते हैं। कभी भाजपा नेता आदिवासी समाज के लोगों को उनके मृत रिश्तेदार के सम्मुख निर्ममता और बर्बरता से सर पर चप्पलों से पीटते हैं।'

कांग्रेस प्रभारी ने कहा, 'कभी आदिवासियों के खिलाफ प्रतिशोध की आग में जल रही शिवराज सरकार विदिशा में आदिवासियों पर गोलियाँ दागती है और आदिवासी युवक को मौत के घाट उतारती है।कभी कोरोना काल के दौरान शिवराज सरकार आदिवासी जिलों में ऐसा अनाज बाँटती है, जो जानवरों के खाने लायक भी नहीं। कभी भाजपा सरकार आदिवासी भाईयों के 3 लाख 22 हजार से अधिक वनाधिकार पट्टे निरस्त कर उन्हें दरबदर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देती है। आदिवासी समाज अपने स्वाभिमान, आत्म सम्मान तथा जल-जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ रहा है। इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी दृढ़ता से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है।

आदिवासी अत्याचार की घटनाएं

सुरजेवाला ने प्रदेश में हाल के महीनों में आदिवासियों के साथ हुए अत्याचार का जिक्र करते हुए कहा कि बीते सोमवार, 18 सितम्बर, 2023 को दो आदिवासी साथी बरनु गोंड और भोमासिंह अनूपपुर जा रहे थे। एक्सीडेंट के दौरान भोमा सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। अपने साथी की यह हालत देख बरनु गोंड बदहवास होकर सड़क पर साथी की मौत के सदमें में था, तभी वहां से गुजर रहे अनूपपुर के भाजपा मण्डल अध्यक्ष जयगणेश दीक्षित बरनु गोंड को बर्बरता से चप्पलों से पीटने लगा। 

बीते दिनों देवास के नेमावर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर जमीन में आठ फीट नीचे उन्हें गाड दिया गया था, परिवार की अकेली लड़की छह माह तक न्याय की गुहार लगाती रही। आरोपियों को भाजपा नेताओं के संरक्षण की बात सामने आयी थी।

इंदौर के महू में मार्च 2023 में आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप और हत्या का मामला सामने आया था। आदिवासी युवती की संदिग्ध मौत पर क्षेत्र के लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया तो पुलिस ने फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागे। 

इसी साल की हरदा में पिता-पुत्र ने एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने युवक को ट्रैक्टर से बांधकर लाठी और डंडों से इतना पीटा कि उसकी सांसे थम गई। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

पिछले साल अगस्त में मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में लटेरी के जंगलों में कुछ लोगों पर वन विभाग के एक दल ने गोलीबारी कर दी, जिसमें 32 वर्षीय एक आदिवासी की मौत हो गई थी और तीन लोग घायल हो गए थे। 
 
जुलाई 2022 गुना के बमोरी थाना इलाके के धनोरिया गांव में एक आदिवासी महिला को कुछ लोगों ने जिंदा जलाने की कोशिश की थी। इसमें महिला 70 से 80 फीसदी झुलस गई थी। मध्य प्रदेश के देवास जिले में भी जुलाई 2022 में एक मामला आया था। जहां आदिवासी महिला की पिटाई के बाद जूतों की माला पहनाकर घुमाया गया था। 

मई 2022 में सिवनी से दो आदिवासियों की हत्या की गई थी। करीब 15-20 लोगों ने सिमरिया गांव निवासी धनसा इनवाती (52), सागरगांव निवासी संपत बट्टी (35) व ब्रजेश को घेर लिया था और लाठी-डंडों से तीनों की जमकर पीटा था। इसमें दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बजरंग दल के लोगों के शामिल होने की बात मीडिया के माध्यम से सामने आयी थी।
 
मई 2022 में मंडला में तीन आदिवासियों की हत्या का मामला सामने आया था। जहां, आरोपी महिला का सिर काट ले गए थे। घटना मोहगांव थाना अंतर्गत ग्राम पातादेई की थी। यहां छत में सो रहे तीन लोगों की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी थी।

सुरजेवाला ने इन घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि हजार संवेदनाओं की मौत के बाद जो जन्म लेता है, वह है ‘‘शिवराज राज’’! अब इस अत्याचारी शिवराज सरकार की विदाई का समय आ गया है। गरीब व आदिवासी मिलकर इस संकल्प को पूरा करेंगे।