हितग्राही का फर्जी खाता खोलकर निकाले थे मुआवजे के 42 लाख रुपए, एसडीएम सहित 9 लोगों पर मुकदमा हुआ दर्ज

नेपानगर का मामला, तत्कालीन एसडीएम विशा माधवानी समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, इन लोगों पर आरोप है कि नेपानगर के चौखंडिया में बने बोरबन तालाब की मुआवजा राशि से खुद की जेब भरने के लिए इन्होंने हितग्राही का फर्जी खाता खोल दिया

Updated: Jun 17, 2021, 04:44 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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नेपानगर। नेपानगर में हुए तालाब निर्माण के नाम पर मुआवजा घोटाले में तत्कालीन एसडीएम विशा माधवानी को दोषी पाया गया है। एसडीएम समेत कुल नौ लोग इस मामले में दोषी पाए गए हैं। सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इन पर आरोप है कि तालाब निर्माण के लिए जारी हुई 42 लाख की मुआवजा राशि में इन्होंने हितग्राही का फर्जी खाता खुलवाया और इन पैसों से अपनी जेब भर ली। 

नेपानगर के चौखंडिया में 2018-19 में तालाब निर्माण के लिए 15 करोड़ की कुल राशि खर्च हुई थी। इसमें आधे निर्माण कार्य में लगे तो आधे पैसे भूमि अधिग्रहण के एवज में दी जाने वाली मुआवजा राशि में लगी। उस दौरान विशा माधवानी एसडीएम थीं। जिन्हें मुआवजा राशि मिलनी थी उसमें रामेश्वर कल्लू की 15 एकड़ की ज़मीन भी शामिल थी। रामेश्वर कल्लू को भूमि अधिग्रहण के एवज में 42 लाख 11 हज़ार की मुआवजा राशि मिलनी थी। 

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हितग्राही रामेश्वर कल्लू की पारिवारिक ज़मीन परिवार के कुल नौ लोगों के नाम पर थी। लिहाज़ा एसडीएम के साथ अन्य अधिकारियों और बैंक कर्मियों ने हितग्राही के पारिवारिक सदस्य चंदू और कलावती के नाम के दो फर्जी खाते खुलवाए। यह दोनों खाते तुकईथड़ सहकारी बैंक में खोले गए। तालाब की मुआवजा राशि के तहत चंदू के खाते में 17 लाख आए और कलावती के खाते में 25 लाख रुपए पहुंचने। दोषियों ने मिलीभगत की और इन पैसों को चट कर गए। 

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इस मामले की आहट जब बुरहानपुर कलेक्टर को लगी तब उन्होंने इस घोटाले की जांच मौजूदा एसडीएम शैलेंद्र सिंह को सौंप दी। आरोपी विशा माधवानी फिलहाल झाबुआ में तैनात हैं। मामले की काफी छानबीन के बाद विशा माधवानी, उनके लिपिक पंकज पाटे, बैंक मैनेजर अशोक नागनपुरे समेत नौ लोगों को दोषी पाया गया। इन सबके खिलाफ शासकीय पैसे का गबन करने, धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।