जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी से स्कूल जाने को मजबूर नौनिहाल, NHDC के पास नहीं है नाव चलाने का बजट
गांव के एकमात्र रास्ते की पुलिया बैक वाटर में डूब चुकी है, स्कूली बच्चों को बैलगाड़ी के सहारे निकालना पड़ रहा है। NHDC का कहना है कि नाव चलाने के लिए हमारे पास बजट नहीं है।

खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में इंदिरा सागर बांध के लिए अपनी जमीनों का बलिदान देने वाले ग्रामीण ही अब उसकी पीड़ा भोग रहे हैं। शासन-प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी उनकी अनदेखी कर रहा है। बारिश में गांव पानी से घिर जाता है। बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं बचता है। ऐसे ही परेशानियों से बांगरदा पंचायत का अमोदा गांव भी जूझ रहा है।
दरअसल, अमोदा गांव के एकमात्र रास्ते की पुलिया बैक वाटर में डूब चुकी है। अब स्कूली बच्चों के लिए स्कूल जाना सबसे बड़ी चुनौती है। उन्हें बैलगाड़ी के सहारे पुलिया पार करना पड़ रहा है। गहरे पानी के बीच इस बात का हमेशा डर बना रहता है कि कहीं कोई हादसा ना हो जाए। लेकिन शासन-प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी अनदेखी कर रहा है।
बैलगाड़ी से स्कूल चले हम ,तस्वीर खंडवा जिले की है,जहां इंदिरा सागर बाँध के बैक वॉटर की वजह से गांव टापू में तब्दील,पिछले साल तक बच्चों को नाव उपलब्ध करवाई जाती थी,लेकिन इस साल बैलगाड़ी ही शान की सवारी है pic.twitter.com/umTjfJrXGq
— Satya Vijay Singh (@SatyaVijaySin20) August 30, 2022
बता दें कि इस सीजन में सामान्य से अधिक बारिश होने से बांध लगभग पूर्ण क्षमता से भरे हैं। बांध से लगे गांव लगभग जलमग्न हो चुके हैं। इन गांवों में से कुछ तो टापू बन गए हैं। बांगरदा के निवासी संजय मसीह ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को ही हो रही है। उन्हें बांगरदा स्कूल जाने के लिए बैलगाड़ी पर बैठकर पुलिया पार कराना पड़ रहा है। खेती बाड़ी होने के कारण लोग गांव भी नहीं छोड़ सकते।
#MP #खंडवा की मांधाता विधानसभा में आने वाले बाँगरदा में स्कूल जाने के लिए बच्चे जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी पर बैठकर जाने को मजबूर है ग्रामीणों के अनुसार #NHDC ने बजट के आभाव में नाव की व्यवस्था नही की है @ABPNews @abplive @DM_Khandwa @NarayanPatelBJP @digvijaya_28 @OfficeofSSC pic.twitter.com/efzigNR3YI
— Shaikh Shakeel (@ShakeelABP) August 29, 2022
हालांकि, डूब प्रभावित गांवों में नाव संचालन का नियम है, लेकिन एनएचडीसी बजट का अभाव बताकर पल्ला झाड़ रहा है। बांगरदा पंचायत सरपंच प्रतिनिधि राजू पटेल ने बताया कि हम प्रभावितों के साथ एनएचडीसी कार्यालय खंडवा गए थे, लेकिन अधिकारी मौजूद नहीं थे। जो अधिकारी मिले उनका कहना है कि विभाग के पास बजट नहीं है। इस वजह से नाव की व्यवस्था नहीं कर सकते। अब ग्रामीण की समस्या को लेकर जल्द ही कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वाले हैं।