कंप्यूटर बाबा को मिली ज़मानत, चार दिन से जेल में थे

एसडीएम कोर्ट ने कंप्यूटर बाबा को पांच लाख रुपये के बॉन्ड पर ज़मानत दी है

Updated: Nov 12, 2020, 11:52 PM IST

Photo Courtesy : The Quint
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इंदौर। भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन काल में राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके कम्प्यूटर बाबा को ज़मानत मिल गई है। 8 नवंबर को जेल भेजे जाने के चार दिन बाद कंप्यूटर बाबा रिहा हुए हैं। कंप्यूटर बाबा को पांच लाख रुपए की बैंक गारंटी पर जमानत मिली है। 

पहले एसडीएम कोर्ट से जमानत के संबंध में आदेश पारित नहीं होने पर कंप्यूटर बाबा के वकील ने सेशन कोर्ट का रुख किया था। इसी बीच सूचना आई कि एसडीएम कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया है। खास बात यह है कि बाबा के साथ छह अन्य लोगों को भी जेल भेजा गया था, उन्हें अगले ही दिन एसडीएम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन कंप्यूटर बाबा को ज़मानत नहीं दी गई थी। 

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कंप्यूटर बाबा के वकील रवींद्र सिंह छाबड़ा ने मीडिया से कहा कि बाबा को गलत तरीके से इतने दिन जेल में रखा गया है। इस कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान बाबा को जेल भिजवा दिया था। उन पर जो धाराएं लगाई गई थीं, उनमें एसडीएम कोर्ट से ही जमानत दिए जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद चार दिन तक आदेश पारित नहीं किया गया। वकील रवींद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि बुधवार को एसडीएम कोर्ट को कंप्यूटर बाबा की ज़मानत पर आदेश जारी करना था लेकिन मल्हारगंज के एसडीएम राजेश राठौर को कलेक्टर ने हटा दिया था। 

इंदौर जिला प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा के गोम्मट गिरी वाले आश्रम पर रविवार की सुबह बुलडोज़र चला दिया था। इसके बाद प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा को उनके 6 अन्य साथियों के साथ, प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत गिरफ्तार करके इंदौर सेंट्रल जेल में डाल दिया था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया था। 

कम्प्यूटर बाबा प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा गठित किए गए मां शिप्रा, मां नर्मदा और मां मंदाकिनी रिवर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार ने भी कंप्यूटर बाबा को राज्य मंत्री का दर्ज़ा दिया था। लेकिन मार्च में कांग्रेस विधायकों के पाला बदलकर सरकार गिराने को कंप्यूटर बाबा ने खुलकर लोकतंत्र की हत्या बताया था और खुलकर बीजेपी के विरोध में आ गए थे। हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों में भी कम्प्यूटर बाबा ने एमपी कांग्रेस के समर्थन में जमकर प्रचार किया था।