दिग्विजय सिंह की अगुवाई में राजभवन पहुंचे कांग्रेस नेता, कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ सौंपा ज्ञापन

भोपाल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने दिग्विजय सिंह समेत 20 कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था, गिरफ़्तारी से छूटने के बाद राजभवन पहुँचे कांग्रेस नेता

Updated: Jan 23, 2021, 11:16 AM IST

भोपाल। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तारी से छूटते कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे और अपना ज्ञापन सौंपा। राजभवन पहुंचे इन नेताओं में जयवर्धन सिंह, पीसी शर्मा, कुणाल चौधरी शामिल रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की तरफ से लिखे गए इस ज्ञापन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है।  

राष्ट्रपति को संबोधित इस ज्ञापन में कहा गया है कि नए कृषि कानून किसी भी रूप में देश के अन्न दाताओं के लिए हित में नहीं हैं। चार पन्नों के इस ज्ञापन में कुल 9 बिंदुओं के आधार पर बताया गया कि आखिर कृषि कानूनों का क्यों इतना विरोध हो रहा है और इन्हें रद्द करना क्यों ज़रूरी है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की तरफ से यह ज्ञापन उनके अतिरिक्त सचिव राजेश कुमार कौल ने रिसीव किया।

इससे पहले आज कांग्रेस ने भोपाल में कृषि कानूनों के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं के साथ साथ प्रदेश भर से किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा। कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने कांग्रेस नेताओं पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करनी शुरू कर दी। पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस की इस कार्रवाई में कांग्रेस नेताओं के साथ साथ किसानों, महिलाओं और मीडियाकर्मियों को भी चोट आईं। कांग्रेस के कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के कारण एक कार्यकर्ता की उंगली तक कट गई। 

प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह समेत 20 कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर केन्द्रीय जेल ले गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद से ही मध्यप्रदेश कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलवार है। कांग्रेस ने सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए साफ लहजे में कहा है कि कांग्रेस किसानों के लिए संघर्ष करती रहेगी। सरकार की इस दमनकारी नीति के विरुद्ध कांग्रेस दबने और डरने वाली नहीं है।