घोड़ों को नहीं मिल रही घास, और गधे खा रहे च्यवनप्राश, भूपेंद्र सिंह के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता का पलटवार
भूपेंद्र सिंह ने अपने बयान में कमल नाथ की तुलना अस्तबल के घोड़े से की, इस पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने दिया करारा जवाब

भोपाल। उपचुनाव नज़दीक आते ही राजनीतिक बयानबाज़ी ने भी ज़ोर पकड़ना शुरु कर दिया है। बीजेपी नेता और शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह के कमल नाथ को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता ने करारा पलटवार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि बीजेपी की स्थिति ऐसी है कि वहां पर घोड़ों को घास खाने के लिए नहीं मिल रही है और गधे च्यवनप्राश खा रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने भूपेंद्र सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह कह रहे है कि कमलनाथ जी अब रेस वाले घोड़े नही बल्कि अस्तबल वाले घोड़े रह गये हैं, अब खुद भाजपा नेता की रेस कैसी है यह तो 2018 और दमोह उपचुनाव में भाजपा ने देख ही लिया है। सलूजा ने सिंधिया समर्थकों का बिना ज़िक्र किए कहा कि वैसे भी बिकाऊओं के बाद भाजपा की यह स्थिति है कि “घोड़ों को नही मिल रही घास और गधे खा रहे चवनप्राश।”
मंत्री भूपेन्द्र सिंह कह रहे है कि कमलनाथ जी अब रेस वाले घोड़े नही बल्कि अस्तबल वाले घोड़े रह गये है…
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) October 2, 2021
अब उनकी रेस कैसी है ,यह तो 2018 और दमोह उपचुनाव में भाजपा ने देख ही लिया है और वैसे भी बिकाऊओ के बाद भाजपा की यह स्थिति है कि “घोड़ों को नही मिल रही घास और गधे खा रहे चवनप्राश”
दरअसल भूपेंद्र सिंह शनिवार को कमल नाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कमल नाथ अब किसी तरह की रेस लगाने में सक्षम नहीं हैं। वे दौड़ लगाने के काबिल नहीं बचे हैं। चूंकि प्रदेश में उपचुनाव आने वाले हैं, इसलिए वे दिखाई देने लगे हैं। इसी बयान पर जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि भाजपा नेता की रेस को बीजेपी 2018 और दमोह उपचुनाव में देख चुकी है। दमोह उपचुनाव में भूपेंद्र सिंह को बीजेपी ने प्रभारी नियुक्त किया था। इस उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी राहुल लोधी को कांग्रेस के अजय टंडन के हाथों करारी शिकस्त मिली थी।
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इससे पहले शनिवार सुबह पीसीसी चीफ कमल नाथ ने सीएम शिवराज की चुटकी लेते हुए कहा था कि शिवराज जी को मेरे स्वास्थ्य की बहुत चिंता रहती है। उनका मानना है कि कमल नाथ अब बूढ़े हो गए हैं। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि कैसी रेस लड़नी है, आइए लड़ते हैं।