मप्र में गोलमाल, 18 जिलों के आंकड़ों में मन मर्जियां

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि सरकार मरीजों का बढ़ता हुआ आंकड़ा पेश कर रही है, इस आधार पर मरीजों की संख्या या तो बढ़ सकती है या फिर स्थिर रह सकती है लेकिन घट नहीं सकती।

Updated: Sep 03, 2020, 12:09 AM IST

कोरोना वायरस को लेकर पिछले तीन से चार दिनों में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए 18 जिलों के डेटा में काफी परिवर्तन नजर आ रहे हैं, इसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जांच की मांग की है. वहीं कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. 

19 अप्रैल की शाम को राज्य सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया गया कि मध्य प्रदेश के 26 जिलों में कोरोना के 1,407 मरीज हैं, जिनमें 72 की मौत हो चुकी है. मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं.  राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार में 17 अप्रैल को रतलाम में कोरोना के 12 मामले थे, 18 अप्रैल को ये 13 हो गए लेकिन 19 अप्रैल को घटकर ये 9 हो गए. ठीक इसी तरह खरगोन में 17 अप्रैल को कोरोना के 39 मामले थे. 18 अप्रैल को इनकी संख्या बढ़कर 47 हो गई, लेकिन 19 अप्रैल को घटकर 43 हो गई. 

इसी तरह उज्जैन में 16 अप्रैल को कोरोना के 30 मामले थे. अगले दिन में इस आंकड़े में एक की बढ़ोतरी हुई. लेकिन 18 अप्रैल को मामले अचानक से घटकर 23 हो गए और अगले दिन फिर से 31 हो गए. 

मालवा क्षेत्र के धार जिले में 16, 17, 18 और 19 अप्रैल को कोरोना के क्रमश: 6, 10, 24 और 21 मामले बताए गए. इसी तरह अलीराजपुर जिले में 17 अप्रैल को कोरोना का केवल मामला बताया गया, 18 अप्रैल को ये संख्या 5 हुई लेकिन 19 अप्रैल को घटकर 3 हो गई. 

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के मोरेना में 17 अप्रैल को 14 मामले बताए गए. अगले दिन सरकार के बुलेटिन के मुताबिक ये मामले 13 हो गए और 19 अप्रैल को 16 हो गए. इसी तरह ग्वालियर में 17 अप्रैल को कोरोना के 6 मामले बताए गए. 18 अप्रैल को ये घटकर 2 हो गए और 19 अप्रैल को फिर से बढ़कर 6 हो गए. 

इसी तरह इंदौर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, बेतुल, खांडवा, रायसेन, देवास, शाजापुर और मंदसौर में भी आंकड़ों की हेरा-फेरी हुई है. 

सबसे रोचक मामला तो सतना जिले का रहा. सरकार के बुलेटिन में 14 से 16 अप्रैल तक तो जिले में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या बताई गई, लेकिन इसके बाद बुलेटिन से जिला गायब हो गया. 

सरकार ने आंकड़ों में हुए इस बदलाव को लेकर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि सरकार मरीजों का बढ़ता हुआ आंकड़ा पेश कर रही है, इस आधार पर मरीजों की संख्या या तो बढ़ सकती है या फिर स्थिर रह सकती है लेकिन घट नहीं सकती. 

वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया, "क्योंकि बीजेपी सरकार स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुई है इसलिए अब वो डेटा के साथ छेड़छाड़ कर रही है. इससे तो हमारी ही बात सही साबित होती है कि सरकार राज्य के लोगों को रक्षा करने में विफल साबित हुई है."