मप्र में लॉकडाउन से छूट देनेे की दिलेरी
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंटिंग जरूरी है। इसीलिए देश में 21 दिनों का टोटल लॉकडाउन लागू किया गया है। मगर मप्र सरकार रोज नए आदेश निकाल कर लोगों को घर से निकलने की छूट दे रही है। विशेषज्ञों केे अनुसार छूट की यह दिलेरी भारी पड़ सकती है।
भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल तक टोटल लॉक डाउन घोषित किया है टोटल लॉकडाउन का अर्थ है कोई भी अत्यावश्यक कारण के बिना घर से बाहर न निकले। टोटल लॉकडाउन में व्यवस्थाओं को बनाए रखने तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए अत्यावश्यक सेवाओं में जुटे कर्मचारियों को छूट दी गई है। लेकिन मप्र में इस छूट में ऐसे कार्य भी शामिल कर लिए गए हैं जो अत्यावश्यक कार्य की श्रेणी में नहीं आते हैं। धर्मकांटा, रेत, गिट्टी, मुरम, सीमेंट, लोहा, साइलो बैग, ग्रेन काट, क्रेशर के ट्रांसपोर्ट आदि कार्यों के लिए दी जा रही छूट टोटल लॉक डाउन के उद्देश्यों को खत्म कर सकती है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने 26 मार्च को एक आदेश जारी कर एक दर्ज से ज्यादा सेक्टर से जुड़े लोगों को लॉकडाउन से छूट देने निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। कहा जा रहा है कि आगामी रबी उपार्जन को देखते हुए विभाग ने यह छूट दी है।
इसमें खाद्य विभाग, वेयर हाउसिंग कापोर्रेशन, सिविल सप्लाई कार्पोरेशन, विपणन संघ, सहकारी खरीदी समितियों, राशन दुकनों के अधिकारी-कर्मचारी, कम्प्यूटर आॅपरेटर। इसके अलावा इन उपक्रमों उप संचालक, सहायक संचालक, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री, संभागीय एवं जिला अधिकारियों को छूट दी गई है। निजी वेयरहाउस संचालक, निजी कैप निर्माण उद्यमी, साइलो बैग उद्यमी, निवेशक, ठेकेदार, उनके प्रतिनिधि, उनके कर्मचारी भी लॉक डाउन की व्यवस्था के दायरे से बाहर रहेंगे। मगर इस बहानेरेत, गिट्टी, मुरम, सीमेंट, लोहा, साइलो बैग, ग्रेन काट, क्रेशर के ट्रांसपोर्ट को भी छूट दे दी गई है। निर्माण सामग्री, रेत की खदानों, स्टोन क्रेशर, सीमेंट तथा अन्य सामग्री आदि की यूनिट को चालू रखने की अनुमति से भी टोटल लॉकडाउन टूटना तय है। इन सेवाओं में लोगों के आने से कोरोना के फैलने की आशंका होगी।