मप्र में 342 संक्रमित, एस्मा लगाया, कांग्रेस का विरोध

मध्य प्रदेश में 342 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इस बीच सरकार ने प्रदेश में एस्‍मा तत्काल प्रभाव से लागू किया है। कांग्रेस ने एस्‍मा वापस लेेने की मांग की है।

Publish: Apr 09, 2020, 11:30 AM IST

esma in mp
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भोपाल। मध्य प्रदेश में 342 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इसके अलावा, इंदौर 173, भोपाल 92, उज्जैन 15, मुरैना 13, खरगोन 12, बड़वानी 12, जबलपुर 8, ग्वालियर 6, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2, कटनी, विदिशा, बैतूल, श्योपुर, होशंगाबाद, रतलाम में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 15, उज्जैन में 5, भोपाल, छिंदवाड़ा, खरगोन, रतलाम में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 14, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने प्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) तत्काल प्रभाव से लागू किया है। मुख्यमंत्री ने यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद लिया है। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकों के हित को देखते हुए #COVID19outbreak के बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्यप्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) जिसे ESMA या हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।

आवाज को दबाने के लिए लगा दिया एस्मा

कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्‍यक्ष विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि संक्रमण के उच्च जोखिम वाले स्थानों के रूप में अस्पतालों के उभरने की आशंका बढ़ रही है। सुरक्षा उपकरण न होने से हो रहा है। भोपाल के कुल 84 मरीजों में से 43 हेल्थ डिपार्टमेंट के हैं। पॉजिटिव मिलने पर भी कोई प्रोटोकॉल पालन नहीं। बेबस, लाचार, भूखे को राशन न देकर उनकी आवाज को दबाने के लिए सरकार अब सेवा अनुरक्षण कानून (एस्‍मा) लगा चुकी है। ताकि कोई हड़ताल या हंगामा ना कर सकें। सरकार को आम गरीब नागरिकों को उनके मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समस्याओं को कम करने चाहिए न की एस्‍मा कानून का सहारा लेना चाहिए ऐसा करके वो कर्मठ कर्मचारियों को हतोत्साहित करेगी। सांसद विवेक तन्‍खा ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री के आवाहन पर देश के सभी अधिकारी कर्मचारी चिकित्सक रात दिन, मौलिक संसाधनों की कमी की परवाह किए बिना सेवाए दे रहे है। कार्य से इनकार का एक भी वाक़या नहीं है फिर किस कारण से ESMA लागू करने का निर्णय हुआ? काम बंद ( स्ट्राइक) अथवा धारा 5 के उल्लंघन पर एस्‍‍‍‍मा के प्रयोग की परिस्थिति देश में अब तक कही भी उपस्थित न है, ना होनी चाहिये। पूरा देश इस संकट की घड़ी में एक है। तो ESMA का प्रयोग किसके विरुद्ध किया जाएगा? डॉक्टर्स, नर्स, वार्डबॉज़, अन्य सरकारी कर्मचारी या मध्य प्रदेश की जनता। हर लॉजिक के विपरीत ये एक्शन है।