लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, हमें डटकर मुकाबला करना है, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कमलनाथ का संबोधन

आजादी के 76 साल की उपलब्धियों में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र की स्थापना। लेकिन आज इसी लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। हमें इस हमले का डटकर मुकाबला करना है। आजादी के 76 सालों बाद हमें एक बार फिर से बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करनी है: कमलनाथ

Updated: Aug 14, 2023, 08:01 PM IST

भोपाल। देश आजादी के 76 वर्ष पूरे करने वाला है। मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य के लोगों को संबोधित किया। प्रदेशवासियों के नाम संबोधन में कमलनाथ ने कहा, 'भाइयों और बहनों, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें । देश की स्वतंत्रता का दिन बहुत ही खुशी का दिन है। अब हमारा देश स्वतंत्रता के 77 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।'

कमलनाथ ने कहा, 'साथियों,.यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन महान योद्धाओं को याद करें, जिनके संघर्ष से हमें आजादी मिली। हम 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के वीरों महारानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई, तात्या टोपे, बादशाह बहादुर शाह जफर और मंगल पांडे जैसे शहीदों के कर्जदार हैं। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्र निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू, राष्ट्र एकता के नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहेब अंबेडकर, सरदार भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे असंख्य महापुरुषों को याद करते हैं, उन्हें श्रद्धा सुमन अरपित करते हैं। हम आदिवासी विद्रोह के महानायक भगवान बिरसा मुंडा और टंट्या मामा को याद करते हैं। इन सबकी वीरता, पराक्रम और देशभक्ति की ताकत से ही हम अंग्रेजी राज को उखाड़कर स्वतंत्र भारत की स्थापना कर सके। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो याद आता है कि आजादी के समय आज से 76 साल पहले इस देश में लोगों के पास खाने को पर्याप्त अन्न नहीं था, पहनने के लिए सबके पास कपड़े नहीं थे, महामारी और अकाल से लाखों लोग बेमौत मारे जाते थे। 1943 में देश ने बंगाल का भीषण अकाल देखा था, जिसमें 30 लाख लोगों की जान गई थी।' 

कमलनाथ ने आगे कहा, 'अंग्रेज जो भारत छोड़कर गए थे, तब वह सोने की चिड़िया नहीं था, बल्कि अशिक्षा, गरीबी और भुखमरी से जूझता हिंदुस्तान था। वहीं, आज के हिंदुस्तान में अनाज के भंडार हैं, खेतों में सिंचाई हो रही है, बड़े-बड़े बांध और बिजलीघर हैं, कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं, आई.आई.टी., आई.आई.एम. और एम्स जैसी संस्थाएं हैं, अब अकाल और महामारी पुराने जमाने की बात हो चुके हैं। यह सब इसलिये संभव हो सका क्योंकि पिछले 76 वर्षों में देश के नेताओं और नागरिकों ने एक होकर मेहनत की। आज का भारत देश के नागरिकों के परिश्रम और पुरुषार्थ का फल है।आजादी के 76 साल की उपलब्धियों में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि रही, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र की स्थापना। लेकिन आज इसी लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। हमें इस हमले का डटकर मुकाबला करना है। आजादी के 76 सालों बाद हमें एक बार फिर से बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करनी है।'

पूर्व सीएम ने कहा, 'हमारे मध्य प्रदेश में बहुत सी बुराइयां सिर उठा रही हैं। इनमें सबसे बड़ी बुराई है- बेरोजगारी। एक करोड़ से अधिक नौजवान बेरोजगार हैं। हमें इन सबको रोजगार देकर इस बुराई का अंत करना है। दूसरी बुराई है, महंगाई। मध्य प्रदेश में आज देश का सबसे महंगा डीजल, पेट्रोल बिकता है, सबसे महंगी बिजली और गैस मिलती है, सबसे ज्यादा सरकारी टैक्स मध्य प्रदेश में लगाए जा रहे हैं। हमें इस व्यवस्था को बदलना है। मध्य प्रदेश में कुछ दूसरी बुराइयां भी सिर उठा रही हैं, जिन्हें देखकर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों पर अत्याचार, आदिवासियों पर अत्याचार, दलितों पर अत्याचार, बुजुर्गों पर अत्याचार और किसानों की आत्महत्या में मध्यप्रदेश देश में बाकी राज्यों से बहुत आगे है, नम्बर 1 है। हमें इन बुराईयों का अंत करना है। एक और बुराई है, जो मध्य प्रदेश को दीमक की तरह चाट रही है। यह बुराई है, भ्रष्टाचार और घोटाले। मध्य प्रदेश में इंसान से लेकर भगवान तक किसी को भ्रष्टाचार और घोटालों से निजात नहीं मिल रही है। महाकाल लोक घोटाला, सतपुड़ा भवन अग्निकांड घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला, पोषण आहार घोटाला, आरक्षक भर्ती घोटाला, कारम डैम घोटाला, पेसा भर्ती घोटाला, नर्सिंग कॉलेज घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, ई-टेंडर घोटाला, सड़क और पुल निर्माण घोटाला, आप नाम लेते जाइये आपकी जीभ सूख जाएगी, लेकिन शिवराज सरकार के घोटालों की लिस्ट खत्म नहीं होगी। इन भ्रष्टाचार और घोटालों ने प्रदेश को तबाह कर दिया है। हमें इस भ्रष्टाचार और घोटालों के राज को खत्म करना है।'

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पूर्व सीएम ने कहा, 'मध्य प्रदेश में शासन तंत्र चौपट हो चुका है। विद्यार्थियों की पढ़ाई में रोज नई बाधा आती हैं, छात्रवृत्ति में भ्रष्टाचार हो रहा है, मध्यान्ह भोजन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है, स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है, माताओं को प्रसव के लिये खटिया पर ले जाना पड़ रहा है, शवों के लिये वाहन नहीं है, बढ़ती लागत से किसान हैरान-परेशान है, मानक खाद, बीज नहीं मिल रहा है और मिलावटखोरों का बोलबाला है, गांव-गांव, गली-गली तक शराब पहुंचा दी गयी है, मॉं तुल्य नदियों को छलनी-छलनी किया जा रहा है, नये उद्योग धंधे लगे नहीं और पुराने रोज बंद होते जा रहे हैं, मजदूरों को सबसे कम मजदूरी मिल रही है, हर घर में तनाव है और अवसाद से परेशान नागरिक आत्महत्याएं कर रहे हैं। पिछले 18 सालों में प्रदेश की हर व्यवस्था को चौपट कर दिया गया है।।इतनी सारी बुराइयों के ऊपर एक और बुराई मध्य प्रदेश की सरकार ने जनता पर लाद दी है। वो है प्रदेश को कर्ज के दलदल में डुबो दिया है। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश पर तीन लाख तीस हजार करोड़ का कर्ज हो चुका था। सरकार फिर भी और कर्ज लिये जा रही है। अब तक मध्य प्रदेश के हर नागरिक पर करीब 50 हजार रुपये का कर्ज इस सरकार ने चढ़ा दिया है। इन्हें इतने से तसल्ली नहीं हुई है, सुना है, अब सरकार बॉन्ड गिरवी रखने वाली है।अगर यही रफ्तार रही तो यह सरकार मध्यप्रदेश को दिवालिया कर देगी। आजादी के इस वर्ष में हमें इस बुराई का भी नाश करना है।'

कमलनाथ ने आगे कहा, 'साथियों, इन सारी बुराइयों की जड़ है, मध्यप्रदेश में 18 साल से जमी बैठी भाजपा सरकार। इस सरकार का मंत्र है- पैसा लो काम दो। कर्ज लो और घी पियो। जनता का ध्यान भटकाओ और खुद मलाई खाओ। झूठे वादे, खोखली घोषणाएं और हवाई भाषण वाली इस सरकार ने मध्यप्रदेश के हर वर्ग को ठगा है। उनकी आशाओं पर पानी फेरा है और आगे बढ़ते मध्यप्रदेश को अंधकार युग में धकेला है। इन सब बुराइयों का नाश करने का तरीका क्या होगा? हम कैसे इन सब बुराइयों को खत्म करेंगे? ये सब खत्म करने के लिए हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, पर हम अपनी उंगली के इशारे से इन सारी बुराइयों को जरूर खत्म कर सकते हैं। वो इशारा है, इस देश के नागरिक को अधिकार के रूप में मिली वोट देने की ताकत। लोकतंत्र में बुराइयों का अंत करने का यह रामबाण तरीका हमारे पास है। तीन महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं। ये चुनाव हमें बुराईयों को खत्म करने का अवसर देंगे। मैं आप सब से आवहान करता हॅूं कि मध्यप्रदेश के सभी नागरिक प्रण लें कि वे इन सारी बुराइयों की जड़ से उखाड़ फेंकेगे। आइये इस 15 अगस्त पर हम सब संकल्प लें कि इन सारी बुराइयों का अंत हम इसी वर्ष करेंगे।'
 
पूर्व सीएम ने कहा, 'मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हम झूठ पर सच की विजय के लिए, बेरोजगारी पर रोजगार की विजय के लिए, महंगाई पर कमाई की विजय के लिए, शोषण पर संरक्षण की विजय के लिए, अन्याय पर न्याय की विजय के लिए, अत्याचार पर सदाचार की विजय के लिए, भ्रष्टाचार पर ईमानदारी की विजय के लिए और अंधकार पर प्रकाश की विजय के लिए अपना वोट डालेंगे। मुझे भरोसा है कि जब मध्य प्रदेश के पांच करोड़ से ज्यादा मतदाता सच्चाई के पक्ष में मतदान करेंगे तो ऐसे प्रचंड बहुमत से न्याय की जो सरकार बनेगी, उसका सौदा करने के बारे में कोई विभीषण सोच भी नहीं सकेगा और हम मिलकर एक मजबूत मध्यप्रदेश, एक खुशहाल मध्यप्रदेश के नव निर्माण की ओर बढ़ेंगे। नए मध्य प्रदेश में नारी सम्मान के तहत बहनों को 1500/- रुपये मिलेंगे, 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा, घर-घर को 100 यूनिट बिजली बिल माफ होगा और 200 यूनिट तक बिजली हाफ दर पर मिलेगी। सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी, अन्य कर्मचारियों का भविष्य सम्मानजनक और सुरक्षित होगा। किसानों का कर्ज माफ होगा। उन्हें सिंचाई के पांच हार्स पावर तक के स्थाई और अस्थाई कनेक्शन की बिजली मुफ्त में मिलेगी। उनके सिंचाई बिजली के बकाया बिल माफ होंगे। किसानों पर लगाए गए अन्यायपूर्ण मुकदमे वापस होंगे। उन्हें उपज का वाजिब दाम मिलेगा। मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछेगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। व्यापारियों को व्यापार के भरपूर अवसर व सुरक्षा मिलेगी।मजदूरों को उनका हक और सम्मान मिलेगा। बच्चों को उनका भविष्य मिलेगा। स्वास्थ्य की उत्तम व्यवस्था होगी। गरीब, दलित, पिछड़े व आदिवासियों को संरक्षण और उन्नति के समान अवसर मिलेंगे। प्रदेश की नदियों का संरक्षण व संवर्धन होगा । प्रदेश आस्था, विश्वास और विकास की राह पर अग्रसर होगा। आइये हम सब मिलकर नए मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प लें। उजाले से भरे भविष्य में प्रवेश का संकल्प लें। इस साल प्रदेश में सत्य और न्याय की सरकार बनाने का संकल्प लें। जय हिंद, जय मध्य प्रदेश।'