बाबा महाकाल के दरबार में कमलनाथ, MP को कमीशन राज से मुक्ति दिलाने की लगाई अर्जी

विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर की छठी सवारी सोमवार शाम धूमधाम से निकलना आरंभ हुई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभा मंडप में भगवान का पूजन किया और प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने की अर्जी लगाई।

Updated: Aug 14, 2023, 05:17 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचे। पूर्व सीएम ने भगवान महाकाल से मध्य प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना करते हुए भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने की अर्जी लगाई। कमलनाथ ने भगवान महाकाल की पालकी और महाकाल के मुखारविंद भगवान चंद्रमौलेश्वर का भी पूजन किया। साथ ही सवारी में शामिल भी हुए।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भगवान महाकाल के श्री चरणों में जो अर्जी लगाई है उसमें लिखा है, 'जय महाकाल, भगवान श्री महाकाल के चरणों में इस अकिंचन का दंडवत प्रणाम। हे अविनाशी, मैं मध्य प्रदेश की समस्त दुखियारी प्रजा की ओर से आपसे अरज करता हूं कि मेरा मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार के दलदल में डूबता जा रहा है। भ्रष्टाचार की जननी पार्टी (BJP) के 50% के कमीशन राज ने घोटालों में किसी को नहीं छोड़ा है।'

प्रजा कमीशन राज से त्राहि-त्राहि कर रही है: कमलनाथ

भगवान महाकाल के नाम अर्जी में कमलनाथ ने आगे लिखा है, 'गर्भवती महिलाओं के पोषण आहार से लेकर प्रभु स्वयं आपके महाकाल लोक के निर्माण तक में भ्रष्टाचार हुआ है। पूरी प्रजा इस कमीशन राज से त्राहि-त्राहि कर रही है। जो इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता है, उस पर झूठे मुकदमे डाल दिए जाते हैं और हर तरह से प्रताड़ित किया जाता है। आप मध्य प्रदेश की प्रजा को इस भ्रष्ट राज से मुक्ति दिलाएं, अपराधियों को दंड दें और समस्त प्रजा का कल्याण करें। आसुतोष तुम्ह अवढर दानी। आरति हरहु दीन जनु जानी। आपका चरण सेवक।'

महाकाल दर्शन के उपरांत कमलनाथ ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, 'मैनें आज भगवान महाकाल के दरबार में अर्जी लगाई है, मैंने महाकाल से प्रार्थना की है कि प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार की जननी पार्टी बीजेपी से मुक्ति दिलाए, महाकाल के आर्शिवाद से 50 प्रतिशत कमीशन का अंत शीघ्र हो ये मेरी अर्जी है और ये अर्जी मैं महाकाल के श्री चरणों में अर्पित कर रहा हूं।'

सावन माह के छठे सोमवार को आज उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल घटाटोप मुखारविंद स्वरूप में रथ पर सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले हैं। सावन महीने की छठीं सवारी में बाबा महाकाल के छह स्वरूप शामिल हैं। चांदी की पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर भी विराजित हैं। इस सवारी में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हैं।