परीक्षा की पवित्रता भंग हुई तो... सुप्रीम कोर्ट ने दिए NEET-UG री-एग्जाम के संकेत
CJI ने कहा कि री-एग्जाम की मांग कर रहे सभी याचिकाकर्ताओं के वकील गुरूवार तक एक कॉमन सेट कोर्ट में सब्मिट करें। ये 10 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए।

नई दिल्ली। मेडिकल एंट्रेस परीक्षा NEET-2024 पेपर लीक मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने इस दौरान कहा कि यह बात तो साफ है कि पेपर लीक हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने के भी संकेत दिए हैं। अदालत ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता भंग हुई तो हम री-एग्जाम के आदेश दे सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA और केंद्र से सभी सवालों के जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सवालों के जवाब के आधार पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हम कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं। NTA ने कहा कि बिहार के मामले में जानकारी ले कर अदालत को बताएंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'हम जानना चाहते है कि लीक का तरीका क्या है? ये कहां तक फैला है, क्योंकि हम 24 लाख छात्रों के भविष्य की बात कर रहे हैं। इसमें छात्रों का केंद्र तक आने जाने का खर्च आदि भी शामिल है। एक बात तो साफ है कि पेपर लीक हुआ। इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है। लीक की सीमा क्या है? लीक की प्रकृति क्या है, यह हमें पता लगाना होगा। हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देते समय सावधान रहना होगा, क्योंकि हम 24 लाख छात्रों के करियर से जुड़े हैं।'
अदालत 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं। CJI ने कहा है कि रीएग्जाम की मांग कर रहे सभी याचिकाकर्ताओं के वकील गुरूवार तक एक कॉमन सेट कोर्ट में सब्मिट करें। ये 10 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए।