डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शुरू की न्याय यात्रा, 335 KM पैदल चलकर पहुंचेंगी सीएम हाउस

छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे बैतूल जिले के आमला से पैदल चलते हुए भोपाल में सीएम हाउस तक जाएंगी और वहां आमरण अनशन शुरू करेंगी।

Updated: Sep 29, 2023, 03:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शिवराज सरकार से आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। बांगरे ने गुरुवार को आमला से भोपाल सीएम आवास के लिए न्याय यात्रा शुरू की है। निशा बांगरे हाथ में संविधान और भगवतगीता लेकर बैतूल के आमला से भोपाल के लिए निकल चुकीं हैं।

डिप्टी कलेक्टर बंगारे ने अपना इस्तीफा स्वीकार नहीं करने पर सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। उनकी न्याय यात्रा 12 दिन में 335 किमी की दूरी तय कर 9 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी। बांगरे ने कहा कि 9 अक्टूबर तक मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास के बाहर आमरण अनशन पर बैठूंगी। बांगरे ने बताया कि आमला में उनके मामा क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर रहे है।

निशा बांगरे ने 28 सितंबर गुरुवार को आमला के माता मंदिर से प्रारंभ की है। बांगरे ने आमला के बस स्टैंड से अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश और माता दुर्गा के दर्शन किए और डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी न्याय पद यात्रा की शुरूआत की। यात्रा 12वें दिन नौ अक्टूबर को भोपाल पहुंचेंगी। उधर, आमला में शिवराज सरकार की सद्बुद्धि के लिए हवन और यज्ञ भी किया जा रहा है।

बता दें कि आमला में सर्व धर्म शांति सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति न मिलने के बाद निशा बंगरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सरकार द्वारा उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। बांगरे का कहना है कि तरह-तरह के पेंच लगाकर मुझे न्याय से वंचित किया जा रहा है। न्यायालय में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। 22 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन आज तक स्वीकार नहीं हो पाया।

निशा बांगरे ने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि 10 दिन में मेरी जांच खत्म करनी है। 9 अक्टूबर को इस जांच को हाईकोर्ट के सामने सब्मिट करना है, लेकिन मुझे मध्य प्रदेश शासन की मंशा पर शक है। जिस तरह शासकीय अधिवक्ता अदालत को गुमराह कर रहे हैं। उससे मुझे शक हो रहा है। वह कह रहे हैं कि इस्तीफा स्वीकार करने के लिए पहले एमपीपीएससी से सहमति लेना जरूरी है।

निशा बांगरे ने आरोप लगाया कि भाजपा को जबलपुर में डॉक्टर को टिकट देना होता है तो एक दिन में सभी जगह से अनुमति लेकर इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है। मैंने साढ़े तीन महीने से इस्तीफा का आवेदन दे रखा है, लेकिन अलग-अलग कारण बता कर उसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इससे साफ है कि इस सरकार की मंशा अनुसूचित जाति की महिला को न्याय देने की नहीं है। बता दें कि निशा बांगरे ने वीडियो जारी कर अमला से चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया। हालांकि किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी यह अभी स्पष्ट नहीं हैं।