नए साल पर महाकाल की भस्म आरती नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु, जानें नई व्यवस्थाएं
मंदिर समिति की वेबसाइट पर 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक ऑनलाइन परमिशन फूल हो चुकी है। हालांकि, भक्तों की सुविधा के लिए समिति ने चलित भस्म आरती की व्यवस्था की है।
 
                                    देश के 12 ज्योतिलिंगो में से एक उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में नए साल पर सामान्य दर्शनार्थियों के साथ ही बाहर के श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ जाती है। लेकिन, इस बार उन भक्तों को मायूसी हाथ लगेगी, जो नए साल के पहले दिन या उसके आसपास के दिनों में भस्म आरती में लाइन परमिशन के माध्यम से शामिल होना चाहते हैं। दरअसल मंदिर समिति की वेबसाइट पर 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक ऑनलाइन परमिशन फूल हो चुकी है। हालांकि, भक्तों की सुविधा के लिए समिति ने चलित भस्म आरती की व्यवस्था की है।
क्रिसमस से लेकर नव वर्ष तक बड़ी संख्या में भक्त महाकाल मंदिर पहुंचते हैं। इस बार उम्मीद से ज्यादा भक्तों के पहुंचने की संभावना है। इस दौरान महाकाल मंदिर आने वाले भक्त भस्म आरती में जरूर शामिल होना चाहते हैं। लेकिन, एक माह पहले ही 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक की ऑनलाइन परमिशन बुक हो चुकी है। ऐसे में उन भक्तों को निराशा हाथ लगेगी जो छुट्टियों के दिनों में या फिर नया साल बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर मनाना चाहते होंगे। मंदिर की वेबसाइट पर https://shrimahakaleshwar.com/bhasmarti पर आगामी 12 दिन के लिए परमिशन ब्लॉक है।
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि ऑनलाइन परमिशन नहीं मिलने से भक्तों को निराश होने की जरूरत नहीं है। उन सभी भक्तों को चलित भस्म आरती में निशुल्क प्रवेश मिलेगा। इसके लिए 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक कार्तिक मंडपम को खाली रखकर चलित भस्म आरती की व्यवस्था की जाएगी, जिससे हजारों भक्त अल सुबह होने वाली भस्म आरती के दर्शन कर सकेंगे। अभी कुल 1700 भक्त रोजाना नंदी हॉल, गणेश मंडपम और कार्तिक मंडपम में बैठकर भस्म आरती में शामिल होते हैं। जिसमें 400 भक्तों को ऑनलाइन दर्शन का लाभ मिलता है।
भगवान महाकाल की भस्म आरती देखने के लिए देश-विदेश के लाखों भक्त आतुर हैं। बड़ी संख्या में भक्तों ने मंदिर की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग करा ली है। स्थान फुल होने के बाद अब श्रद्धालुओं को प्रतिदिन मंदिर के काउंटर से दी जाने वाली करीब 300 ऑफलाइन अनुमति के लिए लाइन में लगना होगा। इसके अलावा मंदिर समिति, प्रोटोकॉल के तहत प्रतिदिन एक हजार अनुमति जारी करेगी। मंदिर प्रशासन ने प्रोटोकॉल अनुमति के लिए विभिन्न विभागों, पुजारियों, पुरोहितों, विभिन्न राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों के कोटे जारी कर रखे हैं। इसके लिए निर्धारित राशि से अधिक शुल्क लिए जाने पर कोटे के तहत नाम भेजने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी तय करने पर विचार किया जा रहा है।




 
                             
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								