रायसेन के वन ग्राम में आदिवासियों के साथ दिग्विजय सिंह ने किया भोजन, कहा- सरकार बनी तो देंगे सभी अधिकार

रायसेन के सिलवानी ब्लॉक में आने वाले वनग्राम करतोली पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बाजरे की रोटी और महुए की सब्जी, स्थानीय लोगों ने शिवराज सरकार पर लगाए शासकीय योजनाओं से वंचित रखने के आरोप

Updated: Jun 10, 2023, 07:22 PM IST

रायसेन। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शनिवार को रायसेन जिले के सिलवानी ब्लॉक अंतर्गत वन ग्राम करतोली पहुंचे। पूर्व सीएम ने यहां आदिवासियों के साथ बैठकर पारंपरिक भोजन किया। पूर्व सीएम ने ग्रामीणों से वादा किया कि राज्य में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो आदिवासियों को पट्टे समेत तमाम अधिकार दिए जाएंगे।

दरअसल, सिलवानी ब्लॉक के करतोली के आसपास चार गांव ऐसे हैं, जो आज भी वन ग्राम की श्रेणी में आते हैं। केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा देशभर के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में रूपांतरित करने के फैसले के बावजूद इन गांवों का रूपांतरण नहीं हो सका था। नतीजतन यहां के लोग बिजली, पानी से लेकर सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। कारतोली व आसपास के गांव के लोग भी आम लोगों की तरह सम्मानजनक जीवन की माँग कर रहे हैं। उनकी मांगों को सुनने और उन्हें यथासंभव मदद का आश्वासन देने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शनिवार को सपत्नीक करतोली गांव पहुंचे। 

गांव के लोगों ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने सरकार पर आदिवासियों को शासकीय योजनाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ग्रामीण जनों के साथ उनके रोजमर्रा के जीवन में आने वाली समस्याओं को समझा और कांग्रेस की सरकार आते ही उसे दूर करने का आश्वासन दिया। इस दौरान पूर्व सीएम की पत्नी व समाजसेवी अमृता राय ने महिलाओं से बातचीत कर वन ग्रामों में महिलाओं के समक्ष आने वाली समस्याओं को समझा। 

करतोली व आसपास के इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने कहा, "एक जमाने में जल, जंगल और जमीन का मालिक आदिवासी होता था। अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के लिए जंगलों का अधिकार आदिवासियों से छीन लिया। जब देश आजाद हुआ संविधान में आदिवासियों के लिए तमाम प्रावधान किए गए, लेकिन जंगल की जमीन का विवाद नहीं निपटा। साल 2006 में सोनिया गांधी के सुझाव पर यूपीए सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम लाया गया, जिसमें आदिवासियों को पांच एकड़ तक पट्टा देने का कानून में बनाया गया। लेकिन इसमें मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख लोग छूट गए। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया की उन्हें वन भूमि से हटाया जाए। लेकिन 2018 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से लड़ाई लड़ी, ओर जांच के बाद पौने चार लाख लोगों को पट्टे मिलने के आदेश हो गए।" 

सिंह ने आगे कहा कि, "करतोली आज भी वन ग्राम है, जबकि पूरे देश में जो वन ग्राम थे, उन्हें राजस्व ग्राम घोषित करने का कानून बन चुका। लेकिन आपको इसका फायदा नहीं मिला।" सिंह ने स्थानीय लोगों से वादा करते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही आप लोगों को सारे अधिकार दिए जाएंगे। इस दौरान पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, उदयपुरा विधायक देवेंद्र पटेल, रायसेन जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र पटेल व कांग्रेस नेता राजेंद्र तोमर भी उपस्थित थे।