MP By Elections: मध्य प्रदेश में जनसभाओं से रोक हटी, सुप्रीम कोर्ट ने बदला हाई कोर्ट का फैसला

Supreme Court Order:  मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 20 अक्टूबर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, बीजेपी ने प्रचार के लिए अतिरिक्त समय मांगा, चुनाव आयोग करेगा फैसला

Updated: Oct 26, 2020, 07:45 PM IST

Photo Courtesy: Hindustan Times
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नई दिल्‍ली। मध्‍य प्रदेश उपचुनाव में चुनाव प्रचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट  ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 20 अक्टूबर के फैसले पर रोक लगाते हुए चुनाव प्रचार के लिए जनसभाएं करने की छूट दे दी है। मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने 20 अक्टूबर को सुनाए अपने फैसले में चुनावी सभाओं में कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किए जाने की वजह से फिजिकल इलेक्‍शन कैंपेनिंग पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नेता सिर्फ इंटरनेट के माध्‍यम से वर्चुअल कैंपेनिंग करेंगे। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है और चुनाव आयोग से इस बारे में नई अधिसूचना जारी करने को कहा है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अपने आदेश में उपचुनाव के लिए आयोजित की जाने वाली जनसभाओं पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान की दो सभाएं रद्द करनी पड़ी थीं। हाईकोर्ट के इस आदेश का पहले तो बीजेपी ने विरोध किया और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बाद में चुनाव आयोग ने भी हाईकोर्ट के फैसले का यह कहते हुए विरोध किया था कि 3 नवंबर को होने वाले मतदान से कुछ ही दिनों पहले आए इस आदेश से पूरी चुनाव प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ेगा। आयोग ने इसे चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद उसके कामकाज में दखलंदाज़ी भी बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना गाइडलाइंस न मानने पर फटकार भी लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक तो ज़रूर लगा दी है, लेकिन साथ यह भी कहा है कि चुनावी सभाओं और रैलियों के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया, जिसके चलते हाईकोर्ट को आदेश जारी करने पर मजबूर होना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में लापरवाही के लिए चुनाव आयोग के रवैये की आलोचना भी की है। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स पर अमल के लिए सक्रियता दिखाई होती और राजनीतिक दलो ने भी इस पर ध्यान दिया होता तो हाईकोर्ट को इस मामले में दखल देने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।

बीजेपी ने प्रचार के लिए अतिरिक्त समय मांगा, आयोग करेगा फैसला

चुनावी जनसभाओं पर रोक लगाने वाले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले बीजेपी के दो उम्मीदवारों, प्रद्युम्न सिंह तोमर और मुन्नालाल गोयल ने अदालत से यह अनुरोध भी किया कि हाईकोर्ट के आदेश के कारण वे सात दिन तक ठीक से चुनाव प्रचार नहीं कर सके, लिहाजा उन्हें प्रचार के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई आदेश देने की जगह कहा कि इस बारे में फैसला चुनाव आयोग को ही करना है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार इस सिलसिले में अपनी बात चुनाव आयोग के सामने रख सकते हैं।