लगातार कर्ज़ के बोझ तले दब रहा MP, विधानसभा चुनाव तक प्रति व्यक्ति होगा 38 हज़ार का कर्ज़

मार्च 2022 तक मध्य प्रदेश पर 2 लाख 95 हज़ार करोड़ का कर्ज़ था

Updated: Feb 09, 2023, 02:56 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश लगातार कर्ज़ के बोझ तले दबता जा रहा है। जोकि बुरी तरह से प्रदेश की जनता को प्रभावित कर सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों तक राज्य के हर व्यक्ति पर औसतन 38 हज़ार कर कर्ज़ हो जाएगा। 

बीते वर्षों में प्रति व्यक्ति कर्ज़ में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है। 2016 में मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति कर्ज़ 13 हज़ार 853 रुपए था। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में प्रदेश के हर व्यक्ति पर औसतन 10,896 रुपए का कर्ज़ था। लेकिन पिछले आठ वर्षों में प्रति व्यक्ति यह कर्ज़ तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया। 

वित्तीय विभाग के अनुसार मार्च 2022 तक मध्य प्रदेश पर कुल कर्ज़ 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ रुपए है। बाज़ार से लिया गया ऋण एक लाख 74 हज़ार करोड़ रुपए है। वित्तीय संस्थाओं से लिया गया ऋण 12 हज़ार 158 करोड़ रुपए से अधिक है। 

2020-21 की वित्तीय स्थिति के अनुसार मध्य प्रदेश की राजस्व प्राप्ति एक लाख 46 हज़ार 376 करोड़ थी। जबकि राजस्व व्यय एक लाख 64 हज़ार 733 करोड़ का था। जिस वजह से घाटा 18 हज़ार 356 करोड़ से अधिक था।वहीं 2021-22 में राजस्व प्राप्ति एक लाख 71 हज़ार करोड़ से अधिक थी। जबकि राजस्व व्यय एक एक लाख 77 हज़ार करोड़ से अधिक था। जिस वजह से घाटा पांच हज़ार करोड़ से अधिक था। 

मध्य प्रदेश की जनता पर लगातार बढ़ते कर्ज़ को लेकर कांग्रेस पार्टी पहले भी शिवराज सरकार को घेरती रही है। पिछले वर्ष विधानसभा के बजट सत्र से पहले कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार की आलोचना भी की थी। कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि जितना मध्य प्रदेश सरकार का बजट है उससे अधिक मध्य प्रदेश के ऊपर कर्ज़ का बोझ लदा हुआ है। इन सबके बीच शिवराज सरकार चुनावी लाभ उठाने के लिए लगातार नई योजनाओं का ऐलान कर रही है।