पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने बरैया को मुंह काला करने से रोका, EVM वाले पोस्टरों पर काली स्याही पोती

विधानसभा चुनाव से पहले दलित नेता फूल सिंह बरैया ने कहा था कि अगर भाजपा की 50 सीट भी आती हैं तो वे अपना मुंह काला करेंगे। अपने बयान पर कायम रहते हुए वे मुंह काला करने राजभवन पहुंचे थे।

Updated: Dec 07, 2023, 05:09 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के भांडेर सीट से चुनाव जीतकर आए कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया गुरुवार को अपना मुंह काला करने भोपाल पहुंचे थे। हालांकि, दलित वर्ग के सीनियर नेता बरैया को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ऐसा करने से रोक दिया। सिंह ने सांकेतिक तौर पर बरैया को सिर्फ काला टीका लगाया। इसके बाद बरैया ने ईवीएम वाले पोस्टरों पर काली स्याही पोतकर "ईवीएम हटाओ, लोकतंत्र बचाओ" नारे का उद्घोष किया।

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले बरैया ने कहा था कि अगर भाजपा की 50 सीट भी नहीं ला पाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि इससे ज्यादा सीटें आती हैं तो वे अपना मुंह काला करेंगे। बरैया दतिया जिले की भांडेर सीट से बड़ी मार्जिन से चुनाव जीतकर विधायक चुने गए हैं और नरोत्तम मिश्रा को चुनाव हराने में भी उनका अहम योगदान रहा है।

चुनाव नतीजे सामने आने के बाद मीडिया ने उनसे मुंह काला करने की डेट पूछनी शुरु कर दी थी। आखिर में उन्होंने अपने बयान पर कायम रहते हुए ऐलान किया कि 7 दिसंबर को दोपहर दो बजे राजभवन के सामने वह अपना मूंह काला करेंगे। बरैया के समर्थन में बड़ी संख्या में दलित वर्ग के लोग अपना मुंह काला करने राजभवन पहुंचे थे।

हालांकि, वे राजभवन न पहुंच सकें इसलिए सड़क को भी बंद कर दिया गया था। रोशनपुरा के सामने बैरिकेडिंग कर बरैया को रोक दी गई। इस दौरान उनके समर्थन में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी मौके पर पहुंच गए। सिंह ने उन्हें अपना मुंह काला करने से रोकते हुए कहा कि भाजपा ईवीएम के कारण 50 से अधिक सीटें जीती है, अगर कुछ करना है तो ईवीएम पर कालिख पोतें। इस दौरान सिंह ने बरैया को सिर्फ काला टीका लगाकर औपचारिकता पूरी की। इसके बाद बरैया ने EVM वाले पोस्टरों पर काली स्याही पोत दी।

फूल सिंह बरैया ने इस दौरान मीडियाकर्मियों से कहा कि ईवीएम को काला करने से ही देश और लोकतंत्र बच पाएगा। बता दें कि फूल सिंह बरैया दो दशक पहले बसपा के कद्दावर नेता थे। वे बसपा से विधायक भी रहे। प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए मध्यप्रदेश में बसपा को खड़ा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। वे बसपा प्रमुख मायावती के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक थे। बाद में उन्होंने बहुजन संघर्ष दल बना लिया। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें 2020 में राज्यसभा प्रत्याशी बनाया था।