पटवारी भर्ती परीक्षा निरस्त कर पुनः ऑफलाईन परीक्षा कराए सरकार, दिग्विजय सिंह ने सीएम चौहान को लिखा पत्र

मेरा खुला आरोप है कि सुनियोजित तरीके से इस ऑनलाईन परीक्षा में गड़बड़ी कर भर्ती किये जाने का प्रयास किया गया है, पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई कथित धांधली पर बोले दिग्विजय सिंह

Updated: Jul 13, 2023, 07:47 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेशभर के लाखों अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को राजधानी भोपाल और इंदौर में भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले के विरुद्ध सड़कों का छात्रों का सैलाब देखने को मिला। इधर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सीएम चौहान को पत्र लिखकर भर्ती परीक्षा पुनः ऑफलाइन मोड़ से आयोजित कराने की मांग की है।

सीएम शिवराज को संबोधित पत्र में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता गौरव त्रिपाठी के हवाले से आठ बिंदुओं पर सीएम का ध्यानाकर्षित किया है। इनमें लिखा है:-

1. परीक्षा परिणाम में टॉप टेन में आने वाले अभ्यार्थियों में से सात अभ्यार्थियों का परीक्षा शहर ग्वालियर था जिनमें से भी लगभग सभी का परीक्षा केंद्र भी एक ही था।
2. टॉप टेन में आने वाले लगभग सभी अभ्यार्थियों के हस्ताक्षर हिन्दी में किये गये है जो कि एक संदेह कि स्थिति पैदा करता है।
3. आयोग द्वारा मॉडल आंसर शीट पर अपत्ति बुलाये जाने के बाद फाईनल आंसर शीट जारी नहीं की गई। फाईनल आंसर शीट परीक्षा परिणाम के बाद जारी की गई।
4. ग्वालियर में अप्रैल 2023 के प्रथम सप्ताह में पटवारी परीक्षा पास कराने का सौदा करने वाले 4 लोग पकड़े गये थे। जिसकी सम्पूर्ण जांच पश्चात ही परिणाम घोषित होना था।
5. इसी ग्वालियर शहर से 7 छात्र मैरिट में आए है। जो परीक्षा को संदिग्ध बना रहे है।
6. इस बात की भी जांच होनी चाहिये कि इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा जैसे शैक्षणिक प्रचार प्रसार वाले केन्द्रों की जगह सिर्फ ग्वालियर के ही छात्र मैरिट में कैसे आए।
7. क्या मैरिट में आने वाले छात्र शुरू से ही प्रावीण्य सूची में आते रहे हैं?
8. आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण सभी अभ्यार्थियों को प्रतीक्षा सूची में स्थान प्रदान किया जाता है परन्तु इस परीक्षा में ऐसा नहीं किया गया, इसका भी कोई उचित कारण प्रतीत नहीं होता।

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सिंह ने उक्त बिन्दुओं के आधार पर इस परीक्षा के परीणाम की उच्च स्तर से जांच कराने, जिस एक ही परीक्षा केन्द्र से अभ्यार्थियों द्वारा टॉप टेन सूची में स्थान पाया गया उस परीक्षा केन्द्र की भी जांच करायी जाने की मांग की है और जांच पूरा होने तक भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाये जाने का निवेदन किया गया है। सिंह ने आगे लिखा है कि, 'प्रदेश में करीब 13 लाख (12,79,063) छात्रों ने पटवारी सहित अन्य पदों के लिये आवेदन जमा किये थे। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या 50 लाख से अधिक है। इस परीक्षा में भी लाखों की संख्या में नौजवान छात्रों ने परीक्षा दी थी। पूर्व के वर्षो में मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले के चलते इस बार भी छात्र आशंकित थे। छात्र उम्मीद कर रहे थे कि राज्य सरकार पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ परीक्षा आयोजित करायेगा। लेकिन छात्रों की उम्मीदों पर कुठाराघात हुआ है।'

दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा, 'शासकीय भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के लिये कुख्यात मध्य प्रदेश में इस बार भी लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। छात्रों की शंका सच साबित हुई। पटवारी सहित अन्य पदों के लिये आयोजित परीक्षा प्रदेश के 13 केन्द्रों पर आयोजित की गई थी। जब रिजल्ट घोषित किया गया तो 10 लाख की मैरिट में 7 सिर्फ ग्वालियर से पास घोषित किये गये है। जिसमें से अधिकांश एक ही कॉलेज में परीक्षा में बैठे थे। यह कॉलेज सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक नेता का है।'

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सिंह ने आगे लिखा, 'ग्वालियर पुलिस ने अप्रैल 2023 चार लोगों को पकड़ा था जो पटवारी परीक्षा पास कराने के लिये 6 से 15 लाख रूपये में सौदा कर रहे थे। ये सॉल्वर फर्जी दस्तावेज, अंगूठा निशानी से लेकर आधार कार्ड अपडेट कर पास कराने का ठेका ले रहे थे। इसी ग्वालियर शहर के 7 संदिग्ध छात्र मैरिट में आये है। जिनके हस्ताक्षर और प्राप्त नंबरों पर पूरे प्रदेश में संदेह व्यक्त किया जा रहा है। पटवारी परीक्षा देने वाले प्रदेश के लाखों युवकों ने इस फर्जीवाड़े की सी.बी.आई. से जांच की मांग की है। उनका कहना है कि प्रदेश के चयनित सात हजार उम्मीदवारो में से अधिकांश एक ही क्षेत्र के है। सालों से परीक्षा की तैयारी करने वाले फेल हो गए और फर्जीवाड़ा करने वाले पास हो गये है। इन नतीजों को लेकर प्रदेश के युवाओं में भारी आक्रोश है।'

सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुनियोजित तरीके से इस ऑनलाईन परीक्षा में गड़बड़ी कर भर्ती किये जाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि, 'भर्ती परीक्षा में व्यापक गड़बड़ियों को देखते हुए इसे तत्काल रोककर CBI से जांच कराई जाए और अनियमितता कर लाखों रूपयों का लेन-देन करके पटवारी परीक्षा परिणाम प्रभावित करने वालों को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही प्रदेश में सरकारी पदों की भर्ती में हुए इस ‘‘व्यापम पार्ट 3’’ में हुई पटवारी परीक्षा निरस्त कर पारदर्शिता के साथ पुनः ऑफलाईन परीक्षा प्रत्येक जिले में एक ही दिन आयोजित की जाए।'