Guna News : दलित किसान परिवार पर FIR
Anti Encroachment drive in Guna : पिटाई और जहर पीने के मामले में मैजेस्टिरयल जांच का आदेश, 30 दिन में आएगी रिपोर्ट

गुना में दलित किसान परिवार की निर्मम पिटाई के बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार पर आत्महत्या के प्रयास का केस दर्ज कर लिया है। अस्पताल में भर्ती किसान राजकुमार और उसकी पत्नी की स्थिति खराब है। वह ठीक से नहीं बोल पा रहे हैं। इलाज चल रहा है, लेकिन पुलिस ने रहम की बजाय पीड़ित पर ही उल्टा केस रजिस्टर कर लिया है। दलित किसान दंपत्ति ने अपने खेत पर पुलिस की कार्रवाई से परेशान होकर जहर पीने की कोशिश की थी, इसके बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार को रेंज आईजी के साथ, गुना कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर करना पड़ा। सरकार ने इस पूरे मामले में मैजेस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट सौंपने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
एमपी पुलिस की इस बेरहमी का प्रदेश की मुख्य विपक्षी, कांग्रेस सहित देशभर ने आलोचना की है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद से ही कांग्रेस सरकार को घेर रही है। कांग्रेस ने ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लेने के लिए अपने नेताओं का एक दल भी भेजने की बात कही है।
ग़ौरतलब है कि कॉलेज की ज़मीन से वर्ष 2019 में भी अतिक्रमण हटाया गया था। जब कॉलेज नहीं बना तो पारदी परिवार ने इसे बटाई पर दे दी। मंगलवार दोपहर इस जमीन से फिर से कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान ही बटाईदार राजकुमार अहिरवार एवं उसकी पत्नी ने जहर खा लिया था। दोनों की स्थिति नाजुक है।
राजकुमार की बहन ने मीडिया को बताया कि एक साल तक भूमि खाली पड़ी रही, किसी ने काम शुरू नहीं किया। हमें गप्पू पारदी ने जमीन बटाई पर दी थी।इस मामले में राजकुमार अहिरवार और उसके परिवार के सदस्य शिशुपाल अहिरवार, सावित्री बाई सहित 8 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।