लक्ष्मीबाई की समाधि पर लगे तेरे कातिल जिंदा हैं के नारे, कांग्रेस प्रवक्ता ने किया स्थल का शुद्धिकरण

ग्वालियर में लक्ष्मीबाई की समाधि पर सिंधिया द्वारा पुष्पांजलि का विरोध, कांग्रेस प्रवक्ता ने किया शुद्धिकरण, रानी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं के नारे

Updated: Dec 28, 2021, 11:31 AM IST

ग्वालियर। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पुष्पांजलि देने को लेकर बवाल बढ़ गया है। मंगलवार को ग्वालियर स्थित लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर रानी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं के नारे लगे। इतना ही नहीं, कांग्रेस प्रवक्ता ने लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर स्थल का शुद्धिकरण भी किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार दोपहर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत झांसी की रानी की समाधि स्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने जल चढ़ाकर समाधि का शुद्धिकरण किया। सिंह ने इसके बाद लक्ष्मीबाई को पुष्प अर्पित करते हुए ‘रानी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाए। बताया जा रहा है कि समाधि स्थल पर जाने से राजावत को पुलिस ने रोकने का भी खुब प्रयास किया लेकिन वह किसी तरह वहां तक पहुंच गए। 

शुद्धिकरण के बाद राजावत ने मीडिया से कहा कि,  'यदि सिंधिया परिवार ने गद्दारी न कि होती तो देश बहुत पहले आजद हो जाता। अब गद्दार यहां आकर सिर झुका रहे हैं। सिर झुकाने से माफी नहीं मिलेगी।' 

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इसके पहले ग्वालियर महिला कांग्रेस की नगर अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने कहा था कि जो लोग कल कत्ल पर हंस रहे थे, आज समाधि पर फूल-माला चढ़ाकर हंस रहे हैं। उनके मंसूबे तब भी वही थे, मंसूबे आज भी वही हैं। सिंधिया खानदान ने तब भी गद्दारी की थी और आज गद्दारी जनता के वोट के साथ की है। रानी लक्ष्मीबाई को तकलीफ कितनी हुई होगी, जब सिंधिया ने उनकी समाधि पर पैर रखा होगा।'

दरअसल, रविवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रानी की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित किया था। सिंधिया ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बीजेपी में जाने के बाद लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि क्या सिंधिया अब झांसी की रानी को पुष्प अर्पित कर अपने पूर्वजों की गलती का प्रायश्चित करेंगे? लेकिन किसी को यह आभास नहीं था कि ज्योतिरादित्य वहां जाएंगे, क्योंकि सिंधिया राज घराने के किसी भी व्यक्ति ने आजतक ऐसा नहीं किया। झांसी की रानी को लेकर सिंधिया के मन में आए इस परिवर्तन के भाव को गद्दारी का पैंतरा धुलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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बता दें कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उन्हें सीएम शिवराज से लेकर बीजेपी के कई नेता गद्दार का वंशज कहते नहीं थकते थे। मुख्यमंत्री कई सार्वजनिक सभाओं में सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित इस कविता का पाठ कर चुके हैं कि "अँग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।" बीजेपी में शामिल होने के बावजूद पार्टी नेताओं द्वारा दबे मुंह इस घटना का जिक्र हो जाता है।

बीते दिनों यह मुद्दा तब सुर्खियों में आया जब कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य को गद्दार करार दिया था। सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि एक आदमी यदि गद्दारी करता है तो उसके वंश में सभी लोग गद्दारी करते हैं। सिंह ने ज्योतिरादित्य के कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में जाने को लेकर ये बात कही थी। सिंधिया ने भी पूर्व की तरह इस बार भी मामले पर चुप्पी साध रखा था।