प्रदेश में दो बड़े आंदोलन की तैयारी, शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलेंगे वन विभाग और स्वास्थ्य कर्मचारी

वन विभाग के कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करवाने के लिए आंदोलन करेंगे जबकि स्वास्थ्य कर्मचारी समय पर प्रमोशन देने की मांग करेंगे

Publish: May 01, 2023, 11:47 AM IST

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, ऐसे में प्रदेश के कामगारों ने अपनी मांगें मनवाने के लिए शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। प्रदेश के वन विभाग के पंद्रह हज़ार जबकि दस हज़ार स्वास्थ्यकर्मी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। यह दोनों ही आंदोलन इसी महीने में प्रस्तावित हैं। 

वन विभाग के कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य कर्मचारी समय पर प्रमोशन और प्रशासनिक हस्तक्षेप से निजात दिलाने की मांग को लेकर हड़ताल पर जा सकते हैं। वन्यजीवों की रखवाली करने वाले रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड 14 मई के बाद हड़ताल पर जा सकते हैं। जबकि सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं। 

मंगलवार को वन विभाग के कर्मचारी स्थानीय स्तर पर विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद वे 4 मई को वन मंत्री ने मुलाकात करेंगे। वहीं 9 मई को वे सीएम से मुलाकात करेंगे। अगर 14 मई इनकी मांगें पूरी नहीं हुई तब वह चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे। अगर उनका यह प्रयास भी बेअसर साबित हुआ तब कर्मचारी हड़ताल का रुख करेंगे। 

वहीं सोमवार को सरकारी डॉक्टर काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध करेंगे। जबकि मांगलावर को सुबह ग्यारह बजे से दोपहर एक बजे तक अपना काम बंद रखेंगे। इसके बाद भी अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तब वे हड़ताल पर चले जाएंगे। 

प्रदेश में संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी भी स्थाई नौकरी की मांग कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों को भी उनकी नियुक्ति का इंतजार है। रविवार को राजधानी भोपाल में मूसलाधार बारिश के बीच भी अतिथि शिक्षकों ने स्थाई नौकरी को लेकर शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ मार्च निकाला।

प्रदेश में नौकरियों के पर्याप्त अवसर के साथ साथ स्थाई नियुक्ति भी बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी शिवराज सरकार से लगातार कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग कर रही है। वहीं ख़ुद पूर्व सीएम कमल नाथ यह ऐलान कर चुके हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाएगी।