पाँच महीने बाद हुई कोको की घर वापसी, DNA टेस्ट से हुई असली मालिक की पहचान

होशंगाबाद के कोको को आख़िरकार मिला उसका असली घर, हैदराबाद में DNA टेस्ट करवाने के बाद हो पाया पाँच महीने से जारी विवाद का निपटारा

Updated: Mar 20, 2021, 08:21 AM IST

Photo courtesy: Indian express
Photo courtesy: Indian express

होशंगाबाद। कोको तमाम मुश्किलों से गुज़रने के बाद आखिरकार अपने असली मालिक के पास पहुंच ही गया। ये दिलचस्प दास्तान है लैब्राडोर ब्रीड के एक कुत्ते की, जिसे करीब 5 महीने बाद उसके असली मालिक के पास भेज दिया गया। खास बात यह है कि इस कुत्ते के असली मालिक का फैसला डीएनए टेस्ट के जरिए किया गया। दरअसल कोको पर दो लोग अपना अधिकार जता रहे थे। ऐसे में होशंगाबाद पुलिस ने कोको का डीएनए टेस्ट करवाकर कुत्ते को उसके असली मालिक शादाब से मिलवा दिया।

पत्रकार शादाब खान का कुत्ता पिछले साल खो गया था। उन्हें बाद में वो कुत्ता कृतिक शिवहरे के पास दिखाई दिया। कृतिक उसे अपना टाइगर बता रहे थे। शादाब खान ने कृतिक पर उनका कुत्ता चोरी करने का आरोप लगाया। इसके बाद दोनों ने नवंबर 2020 में इसकी शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने कुत्ते के डीएनए के जरिए उसके असली मालिक की पहचान करने का फैसला किया। दावे का फैसला होने तक कोको को एक स्कूल के पिंजरे में रखा गया।

शादाब ने पुलिस को बताया था कि उसने कुत्ता पचमढ़ी से खरीदा था। जबकि कृतिक का दावा था कि उन्होंने अपने टाइगर को बाबई से खरीदा है। जिसके बाद पुलिस ने पचमढ़ी में कोको की मां का डीएनए सैंपल मैच कराने के लिए हैदराबाद भेजा। अब पचमढ़ी वाले कुत्ते से कोको का डीएनए मैच हो गया है। जिससे यह साबित हो गया है कि कोको के असली मालिक शादाब ही हैं। कोको को वापस पाने के बाद शादाब खान की खुशी का ठिकाना नहीं हैं। वे खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। 

अक्सर इंसानों के डीएनए टेस्ट के किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन शायद यह पहला मौका है जब किसी कुत्ते के असली मालिक की पहचान कराने के लिए उसका डीएनए टेस्ट कराना पड़ा है। इस मामले में होशंगाबाद पुलिस का काम भी तारीफ के काबिल है, जिसने वैज्ञानिक तरीके से कुत्ते को उसके असली मालिक से मिलवा ही दिया।