पीएम केयर्स से नहीं मिली मदद, पति की जान बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची होशंगाबाद की महिला

कोरोना की चपेट में आने के बाद जीवन और मौत के बीच झूल रहा है पति, इलाज में लगेंगे 1 करोड़ रुपए, पीएम-सीएम ने नहीं कि मदद, सुप्रीम कोर्ट पहुंची पत्नी

Updated: Aug 01, 2021, 07:08 AM IST

Photo Courtesy: Jagran
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होशंगाबाद। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट से अपने पति को बचाने की गुहार लगाई है। महिला के पति कोरोना संक्रमित होने के बाद जीवन और मौत के बीच झूल रहे हैं। उन्हें जीवित बचाने के लिए करीब 1 करोड़ रुपए इलाज में खर्च होंगे। महिला पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज चौहान से भी मदद मांग चुकी है लेकिन उससे खास फायदा नहीं हुआ। ऐसे में अब महिला ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि पीएम केयर्स फंड के पैसों से उसके पति की इलाज की जाए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक होशंगाबाद की रहने वाली याचिकाकर्ता शीला मेहरा के पति मनीष कुमार गोहिया अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। दोनों पति-पत्नी पेशे से आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और उनकी शादी पिछले साल ही हुई थी। मनीष इस वक़्त तेलंगाना के सिकंदराबाद स्थित कृष्णा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस में भर्ती हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग किया है कि जब तक सुनवाई नहीं होती है तब तक अस्पताल उनके पति का इलाज जारी रखें।

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याचिकाकर्ता शीला के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 4 मई को मनीष वायरस के चपेट में आ गए, 9 मई को ऑक्सीजन लेवल गिरने के बाद उन्हें होशंगाबाद के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। तबियत बिगड़ने पर उन्हें 14 मई को एम्स भोपाल में शिफ्ट किया गया। यहां एम्स में इसीएमओ मशीन के सपोर्ट सुविधा नहीं होने की वजह से उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाया गया। और वहां से वे फिर उन्हें सिकंदराबाद शिफ्ट किया गया।'

शीला के मुताबिक मनीष कोरोना संक्रमण के बाद से फेफड़ों में फाइब्रोसिस यानी सिकुड़न की समस्या से जूझ रहे है। ऐसे में उन्हें तत्काल फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की जरूरत है। जिसका खर्चा लगभग एक करोड़ तक हो सकता है। उन्हें इस समय अस्पताल के इसीएमओ सपोर्ट पर रखा गया है। मरिज के फेफड़ों और दिल के ठीक से काम न करने पर इसीएमओ शरीर में बाहर से खून और आक्सीजन पंप करता हैं। 

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शीला ने बताया की पति के इलाज में अबतक 1 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। एसीएमओ पर होने की वजह से प्रतिदिन दो लाख रुपये का खर्च आता है। इसके अलावा 15 से 20 दिन मे जब ऑक्सिजनेटर बदला जाता है उस दिन चार लाख रुपये का खर्च आता है। डॉक्टरों का कहना है कि इलाज में अभी 1 करोड़ रुपए और लगेंगे और इसके बाद मनीष ठीक हो जाएंगे। 

पति की जान बचाने के लिए शीला ने सभी के सामने हाथ फैलाया। वह पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज तक से मनीष की जान बचा लेने की गुहार लगाईं। लेकिन सभी जगह उन्हें निराशा ही मिला। सीएम राहत कोष से 2 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया लेकिन ये पर्याप्त नहीं था। वह दिल्ली पहुंची क्योंकि उन्हें पीएम मोदी से उम्मीद थी, लेकिन वहां भी महज तीन लाख रुपए का आश्वासन दिया गया। इलाज में सारे पैसे और बीमा खत्म होने के बाद शीला के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।