जनता से किए वादों के लिए अपनी सरकार से भी लड़ने को तैयार हूं, शिवराज के पुत्र कार्तिकेय ने दिखाए तेवर

कार्तिकेय चौहान ने कहा एक चीज याद रखना यह जो पावर है ना ताकत किसी पद में नहीं होती है। पावर व्यक्ति में होती है। आपने जो ताकत दी उसकी वजह से 18 साल तक आपके बीच का व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान रहा।

Updated: Jan 13, 2024, 07:20 PM IST

सीहोर। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का दर्द अक्सर सामने आता रहता है। अब उनके पुत्र कार्तिकेय ने भी तेवर दिखाए हैं। सीहोर जिले के भेरुंदा इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल हुए कार्तिकेय ने जनता से कहा कि मुझे यदि आपके लिए अपनी ही सरकार से लड़ना पड़ा तो तैयार हूं। पूर्व सीएम के बेटे का यह बयान ने अब राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान ने कहा कि मैं नेता नही हूं, मेरा राजनीति में आने का कोई मन भी नहीं है, लेकिन बाबूजी (शिवराज सिंह चौहान) के नाम पर मुझे सम्मान मिलता है। मैं भाषण इसलिए कर रहा हूं कि विधानसभा चुनाव के लिए आपसे वोट मांगने मैं आया था। अब पिता जी मुख्यमंत्री नहीं रहे और मैं भी आपसे मिलने न आऊं तो रात में चैन की नींद सो नहीं पाऊंगा। वोट मैंने मांगा था तो बीजेपी के जीतने पर सारे वादे पूरे करवाने की जिम्मेदारी भी मेरी है।

कार्तिकेय चौहान ने आगे कहा कि जनता से किए वादे निभाने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वैसे तो लड़ने की जरूरत पड़ेगी नहीं, क्योंकि अपनी ही सरकार है। हालांकि, अगर लड़ना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा, 'जनता के हक के लिए लड़ना पड़ा तो कार्तिकेय तैयार है। हालांकि, बीजेपी की ही सरकार है इसलिए ऐसी लड़ने की परिस्थिति नहीं बनेगी।' उन्होंने आगे कहा कि एक चीज याद रखना यह जो पावर है ना ताकत किसी पद में नहीं होती है। पावर व्यक्ति में होती है। आपने जो ताकत दी उसकी वजह से 18 साल तक आपके बीच का व्यक्ति मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान रहा।

वहीं, अपने पिता शिवराज सिंह चौहान के लिए कार्तिकेय ने कहा कि आपके भैया शिवराज जी ने इतनी मेहनत की इस चुनाव में, जो किसी के लिए भी संभव नहीं है। आपको गर्व होना चाहिए। हमारे बीच के व्यक्ति ने 20 साल की सरकार के बाद दोबारा सरकार को रिपीट किया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित कई सारे राज्यों में चुनाव हुए। सारे राज्यों में सरकार पलट गई। सरकार गिर गई, कहीं कांग्रेस तो कहीं कोई सरकार आई। लेकिन मप्र केवल एक ऐसा राज्य था, 20 साल की सत्ता के बाद सरकार लौटने के साथ ही प्रचंड बहुमत से आई। पूरे देश की आंखें फटी रह गई।