अमित शाह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए तो परिक्षा में नहीं बैठने देंगे, टेक्नोक्रेट ग्रुप के विद्यार्थियों को चेतावनी

भोपाल स्थित टेक्नोक्रेट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने अपने विद्यार्थियों के लिए नोटिस जारी कर कहा है कि अमित शाह के कार्यक्रम में सभी को शामिल होना अनिवार्य है। जो छात्र नहीं जाएंगे, उन्हें सेमेस्टर एग्जाम देने से रोका जाएगा।

Updated: Oct 16, 2022, 09:04 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अमित शाह के आगमन को लेकर राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां की है। कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सैक्षणिक संस्थाओं पर दबाव बनाया गया। नतीजतन कई कॉलेजों ने छात्रों को अनिवार्य रूप से शाह के कार्यक्रम में शामिल होने का निर्देश दिया है। भोपाल स्थित टेक्नोक्रेट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने तो छात्रों को खुली चेतावनी दी है कि यदि वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे तो उन्हें सेमेस्टर एग्जाम देने से रोका जाएगा।

टेक्नोक्रेट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी किया गया है। इसमें लिखा गया है कि, 'रविवार को गृहमंत्री अमित शाह भोपाल आ रहे हैं। इसलिए रविवार सभी छात्र, शिक्षक और स्टाफ के लिए वर्किंग डे होगा। मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों के शामिल होने के निर्देश दिए हैं।' 

टेक्नोक्रेट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के डायरेक्टर डॉ मनीष मनोरिया द्वारा जारी इस आदेश में आगे लिखा गया है कि, 'कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसी भी स्टाफ, शिक्षक अथवा छात्र को छुट्टी नहीं दी जाएगी। सभी छात्रों को टी शर्ट पहनकर कॉलेज में रिपोर्ट करना आवश्यक है। जो छात्र ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ न सिर्फ पैनल एक्शन लिया जाएगा बल्कि उन्हें आगामी सेमेस्टर परिक्षाओं में भी बैठने नहीं दिया जाएगा। सभी एचओडी से अनुरोध है कि इस संदेश को फैलाएं।'

आदेश के नीचे नोट में लिखा गया है कि सभी छात्रों और स्टाफ को कार्यक्रम शुरू होने से पहले स्नैक्स का पैकेट दिया जाएगा। वहीं कार्यक्रम समाप्ति के बाद लंच के पैकेट्स भी मिलेंगे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी छात्र और स्टाफ के लोग अपने घर जा सकते हैं। बता दें कि भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री का विमोचन करेंगे।

मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक कार्यक्रम के बाद एमपी देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां एमबीबीएस के छात्र हिंदी भाषा में पढ़ाई करेंगे। हालांकि, इस कार्यक्रम में तकनीकी छात्रों को जबरन भेजे जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।