पार्टी बदलने के कारण हार गई चुनाव, इमरती देवी के बयान पर बोली कांग्रेस सच जुबान पर आ गया
इमरती देवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भाजपा नेत्री यह कहते हुए सुनाई दे रही हैं कि अगर उन्होंने पार्टी नहीं बदली होती तो उन्हें कोई नहीं हरा पाता
भोपाल। कांग्रेस की कमल नाथ सरकार को गिराने के लिए पाला बदल लेने वाली सिंधिया समर्थक इमरती देवी का दर्द छलक पड़ा है। पूर्व विधायक इमरती देवी ने कांग्रेस छोड़ने का अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा है कि अगर वो पार्टी नहीं बदलतीं तो अब भी विधायक बनी रहतीं। इमरती देवी के इस विलाप कांग्रेस पार्टी ने तंज कसते हुए कहा है कि सच ज़ुबान पर आ ही गया।
सोशल मीडिया पर इमरती देवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वे कहती नज़र आ रही हैं कि मैं 2008 से विधायक थी। बीच में हार इसलिए गई क्योंकि मैंने पार्टी बदल ली। अगर मैंने पार्टी नहीं बदली होती तो मुझे कोई हरा नहीं पाता। रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरती देवी ने यह बात एक कार्यक्रम में पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कही।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इमरती देवी का वायरल वीडियो साझा करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री इमारती देवी ख़ुद कह रही है कि मै अभी तक नही हारी लेकिन पार्टी बदल ली, इसलिये अभी हार गई।"हम 2008 से लगातार विधायक रहे,अभे बीच में हार गए,वो भी पार्टी बदल लई इसलिए,नहीं तो हमें कोई नहीं हरा पाता।" नरेंद्र सलूजा ने आगे कहा है कि सच ज़ुबान पर आ ही जाता है, 2023 में सारे ग़द्दार हारेंगे।
पूर्व मंत्री इमारती देवी ख़ुद कह रही है कि मै अभी तक नही हारी लेकिन पार्टी बदल ली , इसलिये अभी हार गयी…
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) January 8, 2022
"हम 2008 से लगातार विधायक रहे,अभे बीच में हार गए,वो भी पार्टी बदल लई इसलिए,नहीं तो हमें कोई नहीं हरा पाता"
सच ज़ुबान पर आ ही जाता है , 2023 में सारे ग़द्दार हारेंगे… pic.twitter.com/tmzkSJ0VQb
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दरअसल मार्च 2020 में सिंधिया समर्थक विधायकों ने चोर दरवाजे से प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए पाला बदल लिया था। 22 विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिस वजह से कांग्रेस की चुनी हुई सरकार गिर गई थी। पाला बदलने वाले विधायकों में इमरती देवी भी शामिल थीं। हालांकि नवंबर 2020 में हुए उपचुनावों में कांग्रेस के ज्यादातर बागी विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत गए। लेकिन खुद इमरती देवी डबरा सीट से चुनाव हार गईं।