इंदौर में बुजुर्ग व्यक्ति से 40 लाख की ठगी, डिजिटल अरेस्ट का डर दिखा लूटे रुपए

इंदौर में साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्टिंग का डर बताकर बुजुर्ग से 40 लाख 60 हजार की ठगी किया।

Updated: Oct 29, 2024, 02:57 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करने वाले 71 साल के बुजुर्ग के साथ फ्रॉड का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्टिंग का डर बताकर बुजुर्ग से 40 लाख 60 हजार की ठगी किया। ठगी करने वाले शख्स ने पहले खुद को मुंबई पुलिस का अफसर बताया। फिर सीबीआई अफसर से कॉल कॉन्फ्रेंसिंग पर बात कराकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।

क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, डिजिटल अरेस्टिंग का डर बताकर 71 साल के धनश्याम के साथ 40 लाख 60 हजार की ठगी के मामले में दो मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2), 3(5) BNS में केस रजिस्टर्ड किया गया है।

71 वर्षीय धनश्याम ने अपनी शिकायत में बताया कि, 3 अक्टूबर को मेरे मोबाइल पर सुबह कॉल आया। सामने वाले ने अपने आप को मुंबई के ब्रांदा का पुलिस अफसर बताया। उसने कहा कि आपने मुंबई में केनरा बैंक से 2 करोड़ 60 लाख का री ट्रांजेक्शन किया है। जिसमें आपके अकांउट का इस्तेमाल करने के एवज में 15 प्रतिशत का कमीशन मिला है। जो आपके अंकाउट में आए हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कॉपी के साथ अरेस्ट होने के पेपर वॉट्सएप पर भेजे। इसके बाद कहा कि, आपको पुलिस अरेस्ट करने जा रही है। इसके बाद सीबीआई इस ट्रांजेक्शन को लेकर आपका रिमांड लेकर पूछताछ कर सकती है।

इस पर घनश्याम ने बात करने वाले फर्जी अफसर से कहा कि, इस तरह का अंकाउट उनका केनरा बैंक में नहीं है और ना ही उनके द्वारा कोई ट्रांजेक्शन किया गया है। तब अफसर ने बताया कि, मुंबई में केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर को अरेस्ट किया गया है। उसके यहां पर बहुत सारी नकली पासबुक मिली है। जो फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके बाद एक पासबुक का नंबर और फोटो देते हुए बताया कि, यह आपके नाम से मिली है। बुजुर्ग इस तरह की बात से काफी डर गए और उन्होंने मुंबई पुलिस का अफसर बताने वाले व्यक्ति की बात पर भरोसा किया।

इसके बाद आरोपियों ने इन्वेस्टिगेशन में उन्हें दोषमुक्त कराने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने बुजुर्ग को फर्जी सीबीआई अफसर आकाश कुलकर्णी से बात कराई। आकाश ने कहा कि आप अकांउट में पड़े कमीशन के 15 प्रतिशत रुपए जमा करा दीजिए। यह भी कहा कि, अगर जांच में आप इनोसेंट पाए जाते हो तो वह रकम आपको वापस अकांउट में लौटा दी जाएगी। इसके बाद अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर करीब 40 लाख 60 हजार की रकम उनसे लिए और जांच करने की बात करते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। बुजुर्ग ने बाद में अपने परिवार के लोगों को यह वाकया बताया तब उन्हें फ्रॉड होने की बात पता चली।