कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही पर भड़के कांग्रेस विधायक, बैठक में कलेक्टर की लगाई क्लास

जबलपुर कलेक्टर अस्पताल संचालकों के साथ कर रहे थे बैठक, अचानक पहुंचे कांग्रेस विधायक, कलेक्टर के दावों पर दिखाया आईना

Updated: Apr 19, 2021, 05:59 AM IST

जबलपुर। पूर्व वित्तमंत्री और जबलपुर से कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने जिला कलेक्टर की जमकर क्लास लगाई है। शहर में मरीजों के इलाज में लापरवाही को लेकर कांग्रेस नेता बीच बैठक के दौरान जबलपुर कलेक्टर पर भड़क गए और उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान कांग्रेस विधायक ने कलेक्टर द्वारा किए जा रहे दावों पर उन्हें आईना भी दिखाया।

जानकारी के मुताबिक जबलपुर कलेक्टर शहर के अस्पताल संचालकों के साथ कोरोना को लेकर बैठक कर रहे थे। इस दौरान वहां अचानक कांग्रेस विधायक आ गए। तरुण भनोत वहां रेडक्रॉस को 5 लाख रुपया देने व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के सहयोग से 32 टन लिक्विड ऑक्सीजन ओडिशा से दिलाने संबंधी जानकारी देने आए थे लेकिन कोरोना पर बैठक देखकर वे भी इसमें शामिल हो गए।

बैठक के दौरान जब कलेक्टर ने स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित जानकारी देनी चाही तो भनोत भड़क गए। कांग्रेस विधायक ने कहा कि आप ये क्या झुठ परोस रहे हैं। हमारे पड़ोस के एक व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की किल्लत से हो गई। बताया जा रहा है कि इसी बात को लेकर कलेक्टर और विधायक के बीच बहस हो गई और कांग्रेस नेता ने कलेक्टर को जमकर लताड़ लगाई। 

बैठक का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें तरुण भनोत काफी गुस्से में दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक ने इस दौरान कलेक्टर की क्लास लगाते हुए कहा कि आप रेमडेसीवीर वैक्सीन की कालाबाजारी को नहीं रोक पा रहे हैं, ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है, अस्पतालों में बेड्स नहीं हैं, पूरा सिस्टम ठप हो गया है।

गौरतलब है कि जबलपुर में ऑक्सीजन की भयंकर किल्लत की खबरें सामने आई थी। इसके बाद कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की मदद से 32 टन लिक्विड ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई। तन्खा ने इस बात की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'जबलपुर के विधायक तरुण भनोत ने मुझे आग्रह किया की किसी भी क़ीमत में जबलपुर के मरीज़ों और अस्पतालों के लिए इमरजेंसी oxygen उपलब्ध होनी चाहिए। मैंने अपने एक उद्योगपति मित्र को जब शहर का हाल बताया तो उन्होंने 2 liquefied oxygen के 16,16 टन के tankers जो उनके इंडस्ट्री के चिन्नित थे को जबलपुर के जनता और अस्पतालों के इलाज और बचाव के लिए समर्पित कर दिया।  इसे देश भक्ति कहते है। यह वो युवा उद्योगपति है जिसने दिल्ली हाई कोर्ट में सालो मुक़दमा लड़ कर जनता को राष्ट्र ध्वज अपने घर, संस्थानों में गर्व के साथ लहराने का हक़ दिलवाया था।'