पंचायत चुनाव: SC के निर्देश के बावजूद तत्काल सुनवाई नहीं, HC ने 18 दिन तक के लिए टाला मामला

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा है कि शीतकालीन अवकाश के बाद 3 जनवरी को सुनवाई होगी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था तत्काल सुनवाई का निर्देश

Updated: Dec 16, 2021, 11:05 AM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई की तारीख दी है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक जबलपुर हाईकोर्ट ने 18 दिन यानी तीन जनवरी तक के लिए मामले की सुनवाई को टाल दिया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने शीघ्र सुनवाई के आवेदन पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है। जबकि कल इस मामले को सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर करते समय निर्देश दिया था कि इसकी त्वरित सुनवाई की जाए।

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हाईकोर्ट के इस रुख के बाद अब पंचायत चुनाव पर रोक की संभावनाएं कम होती दिख रही है। चूंकि चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 6 जनवरी को पहले चरण का मतदान है। ऐसे में यदि हाईकोर्ट से कोई फैसला आता भी है तो चुनाव को एन वक़्त पर स्थगित करना पड़ेगा। पहले और दूसरे चरण के नामांकन का आज चौथा दिन है। 

बता दें कि इसके पहले हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में आरक्षण संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था।  कहा था कि पंचायत चुनाव पर सरकार का ही निर्णय मान्य होगा। दरअसल, याचिकाकर्ता सैयद जफर और जया ठाकुर का कहना है कि चुनाव के नोटिफिकेशन में साल 2014 के चुनाव के दौरान यानी पुरानी आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है जो पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है।

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याचिकर्ताओं के मुताबिक नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि हर पांच साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा। यानी जिन चुनाव क्षेत्रों में आरक्षण था उसे बदल दिया जाएगा। एमपी सरकार पुरानी आरक्षण व्यवस्था पर ही चुनाव चाहती है, जबकि याचिकाकर्ताओं ने सरकार की मनमर्जी और संवैधानिक प्रक्रिया की अनदेखी करार दिया है। इसी को लेकर मामला न्यायालय में है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भी आरोप लगाया है कि राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव डालकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कराया गया है, जिसमें आरक्षण प्रक्रिया पर एमपी सरकार का रवैय्या गलत है।