जबलपुर में सेना की LPR लैब से तोप के गोले चोरी, कर्मचारी के शामिल होने का शक

केंद्रीय सुरक्षा संस्थान के LPR से तोप के गोले चोरी होने से सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल, पुलिस के मुताबिक़ किसी जानकार के चोरी को अंजाम देना मुश्किल, कर्मचारियों से जारी है पूछताछ

Updated: Feb 26, 2021, 11:08 AM IST

Photo Courtesy: Zee news
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जबलपुर। जबलपुर की ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में सेना का लॉंग प्रूफ रेंज याने LPR स्थित है। यहां सेना के लिए तोप के गोले बनाए जाते हैं। यहां के LPR से तोप के 3 टैंक भेदी गोले चोरी हो गए हैं। मामला उजागर होते ही यहां हड़कंप मच गया है। इस लैब में 19 फरवरी की रात को चोरी हुई थी। जिसकी शिकायत 24 फरवरी को सूबेदार शंकर सिंह ने खमरिया थाना इलाके में की है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 457,380 आईपीसी का मामला दर्ज कर लिया है। इस हाई सिक्योरिटी क्षेत्र में चोरी होने से यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

खमरिया थाना पुलिस जांच में जुटी है। इस बारे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय अग्रवाल ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि शातिर चोरों ने LPR के भीतर ही तोप के गोलों के खोल से बारूद हटाया और फिर उसे खाली करने के बाद उनपर हाथ साफ कर दिया। चोरी हुए गोलों के खोलों की कीमत करीब 6 लाख रुपए बताई जा रही है। इस संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा सेना का है, बावजूद इसके इस केंद्रीय सुरक्षा संस्थान के LPR से गोलों के तीन खोल चोरी होने से यहां की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह से यहां चोरी हुई है, ऐसे में यहां के किसी कर्मचारी का हाथ हो सकता है।

बताया जा रहा है कि चोरों ने तीन टैंक भेदी गोलों से टंगस्टन पेनिट्रेटर नाम का डिवाइस चुरा लिया है। शातिर चोर ने पहले बारूद को गोले से बाहर किया और फिर टंगस्टन पेनिट्रेटर को निकाला। लैब की खिड़की की जाली तोड़कर तोप के तीनों गोलों को वहां से पार किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस चोरी को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच का आदेश जारी कर दिया हैं। अब इस मामले की जांच के लिए सेना ने आंतरिक पूछताछ करना शुरू कर दिया है। घटना के दिन और उससे पहले ड्यूटी पर तैनात लोगों से पूछताछ की जा रही है।

जबलपुर के खमरिया स्थित इस लॉंग प्रूफ रेंज याने LPR में देश की सबसे ताकतवर तोपों सारंग और धनुष की टेस्टिंग होती है। यहां 125 मिलीमीटर बैरल से लेकर 155 मिलीमीटर बैरल तक की हाईटेक तोपों की टेस्टिंग होती है।