आदिवासी छात्राओं से छेड़खानी के आरोप में झाबुआ SDM गिरफ्तार, कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा

सत्ता के मद में चूर भाजपा के कार्यकर्ता और शिवराज सरकार के मदमस्त अधिकारी अपनी घिनौनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, साफ़ लग रहा है कि शिवराज सरकार की नजर में आदिवासियों के जीवन, प्रतिष्ठा और आबरू का कोई मूल्य नहीं है: शोभा ओझा

Updated: Jul 11, 2023, 06:04 PM IST

झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में आदिवासी नाबालिग छत्राओं से छेड़छाड़ करने वाले डिप्टी कलेक्टर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आरोपी एसडीएम सुनील कुमार झा को सस्पेंड करने के बाद गिरफ्तार भी कर लिया गया है। सुनील झा पर आदिवासी छात्रावास में निरीक्षण के दौरान छत्राओं के साथ छेड़खानी व अश्लील हरकत करने का आरोप है।

दरअसल, आरोपी SDM रविवार को जिला मुख्यालय के एक छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंचे थे। आरोप है कि उन्होंने आदिवासी बालिकाओं से बातचीत करते हुए उन्हें गलत तरीके से छुआ। मामले की शिकायत सोमवार को हुई। सोमवार सुबह मामले में केस दर्ज किया गया। साथ ही कलेक्टर के प्रतिवेदन पर कमिश्नर पवन शर्मा ने सुनिल कुमार झा को को सस्पेंड कर दिया था। वहीं, मंगलवार को पुलिस ने उन्हें उनके शासकीय आवास से गिरफ्तार कर लिया।

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एफआईआर में बच्चियों की ओर से सुनील झा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें आपत्तिजनक हरकतें जैसे कमर में हाथ डालना, बालों को सूंघकर सवाल करना, सिर पर किस करना, पीरियड्स और पैड्स के बारे में सवाल करना और जबरदस्ती गले लगाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई की जा रही है।

कांग्रेस ने इस मामले में राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मोर्चा संगठनों की प्रभारी शोभा ओझा ने कहा, 'सत्ता के दंभ में भाजपा के कार्यकर्ता तो आदिवासियों के चेहरों पर पेशाब कर ही रहे हैं, अब शिवराज सरकार के अधिकारी भी आदिवासियों को अपना सॉफ्ट टार्गेट बना रहे हैं। हद तो यह हो गई है कि अपनी हैवानियत के चलते अब उन्होंने छोटी बच्चियों को भी निशाने पर ले लिया है। एनसीआरबी की रिपोर्टे तो वर्षों से मध्य प्रदेश में आदिवासी अत्याचार की लज्जाजनक गाथाएं गाती आ रही हैं लेकिन एकाएक आदिवासी अत्याचार की घटनाओं में जो विस्फोटक तेजी का दौर अब शुरू हुआ है, वह बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है।'

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शोभा ओझा ने आगे कहा, 'सबसे पहले सीधी जिले में भाजपा विधायक के प्रतिनिधि ने एक आदिवासी के चेहरे पर मूत्र विसर्जन किया, इसके बाद इंदौर जिले के राऊ में दो आदिवासी युवकों की बर्बर पिटाई की गई और अब झाबुआ से यह घृणित समाचार सामने आया है। इन सब घटनाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि सत्ता के मद में चूर भाजपा के कार्यकर्ता और शिवराज सरकार के मदमस्त अधिकारी अब अपनी घिनौनी और दमित इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, साफ़ लग रहा है कि शिवराज सरकार की नजर में आदिवासियों के जीवन, प्रतिष्ठा और आबरू का कोई मूल्य नहीं है।'