पूर्वजों की गलती पर सिंधिया का प्रायश्चित, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पहुंचे महाराज

सिंधिया घराने के किसी भी व्यक्ति ने नहीं दी थी झांसी की रानी को अबतक श्रद्धांजलि, ज्योतिरादित्य ने समाधि स्थल पर जाकर किया पुष्प अर्पित, बीजेपी में शामिल होने बाद सिंधिया का नया पैंतरा

Updated: Dec 27, 2021, 11:50 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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ग्वालियर। सन 1857 में आजादी की पहली लड़ाई के दौरान इतिहास में सिंधिया राजवंश की भूमिका एक गद्दार के रूप में दर्ज है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जिक्र आते ही सिंधिया घराने के लोग चुप्पी साध लेते हैं। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में जाने के बाद अब वो करने पर मजबूर हुए हैं जो आजतक उनके खानदान में किसी ने नहीं किया। दरअसल, सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधी स्थल पर जाकर पुष्प अर्पित किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को अपने गृहनगर ग्वालियर में विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस दौरान अचानक वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर भी पहुंच गए। सिंधिया ने यहां रूक कर प्रार्थना की और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कुछ देर वहां ठहरने के बाद वह निकल गए। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मौजूद थे।

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दरअसल, बीजेपी में जाने के बाद लगातार ये सवाल उठ रहे थे कि क्या सिंधिया अब झांसी की रानी को पुष्प अर्पित कर अपने पूर्वजों की गलती का प्रायश्चित करेंगे? लेकिन किसी को यह आभास नहीं था कि ज्योतिरादित्य वहां जाएंगे, क्योंकि सिंधिया राज घराने के किसी भी व्यक्ति ने आजतक ऐसा नहीं किया। झांसी की रानी को लेकर सिंधिया के मन में आए इस परिवर्तन के भाव को गद्दारी का पैंतरा धुलने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उन्हें सीएम शिवराज से लेकर बीजेपी के कई नेता गद्दार का वंशज कहते नहीं थकते थे। मुख्यमंत्री कई सार्वजनिक सभाओं में सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित इस कविता का पाठ कर चुके हैं कि "अँग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।" बीजेपी में शामिल होने के बावजूद पार्टी नेताओं द्वारा दबे मुंह इस घटना की जिक्र हो जाता है।

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बीते दिनों यह मुद्दा तब सुर्खियों में आया जब कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य को गद्दार करार दिया था। सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि एक आदमी यदि गद्दारी करता है तो उसके वंश में सभी लोग गद्दारी करते हैं। सिंह ने ज्योतिरादित्य के कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में जाने को लेकर ये बात कही थी। सिंधिया ने भी पूर्व की तरह इस बार भी मामले पर चुप्पी साध रखा था। बहरहाल अब देखना होगा कि पूर्वजों की गलती का ज्योतिरादित्य के यह सांकेतिक प्रायश्चित के बाद उनके खानदान से गद्दारी के दाग धूल पाते है या नहीं।