Kamal Nath: किसान दुःखी और सीएम शिवराज कर रहे हैं झूठी घोषणाएं, झूठे शिलान्यास, चुनावी पर्यटन
MP By Poll 2020: सीएम शिवराज चौहान के गृह ज़िले में किसान की आत्म हत्या पर कमल नाथ का तंज, किसान दुःखी और बेख़बर सीएम कर रहे हैं चुनावी पर्यटन

भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी किसान आत्महत्याओं पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि अतिवर्षा, कीटों के प्रकोप से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में फसलें ख़राब हुई हैं। किसानों को इन खराब फसलों का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने किसानों को कोई राहत प्रदान नहीं की है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का झूठी घोषणाएं, झूठे शिलान्यास, चुनावी भूमिपूजन का खेल जारी है।
रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले विदिशा के सिरोंज क्षेत्र के ग्राम भोरिया में फसल बर्बादी से दु:खी किसान गोवर्धन भावसार ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कमल नाथ ने कहा है कि शिवराज सिंह ने खराब हुई फसलों का किसानों को अभी तक मुआवज़ा नहीं दिया है। उन्हें सरकार ने कोई राहत प्रदान नहीं की है। आपने बाढ़ पर्यटन खूब किया, पीड़ितों के बीच ख़ूब लच्छेदार भाषण दिये लेकिन अभी तक उन्हें राहत प्रदान नहीं की।
शिवराज जी ,अतिवर्षा , कीटों के प्रकोप से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ख़राब हुई फ़सलो का किसानो को अभी तक मुआवज़ा नहीं मिला है , उन्हें आपकी सरकार ने कोई राहत प्रदान नहीं की है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 27, 2020
आपने बाढ़ पर्यटन ख़ूब किया , पीड़ितों के बीच ख़ूब लच्छेदार भाषण दिये लेकिन अभी तक उन्हें
नाथ ने कहा कि आज भी सीएम के गृह जिले विदिशा के सिरोंज के ग्राम भोरिया में फसल बर्बादी से दु:खी किसान गोवर्धन भावसार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। भले आपकी पूरी सरकार किसान की इस आत्महत्या के पीछे भी अन्य कारण बताने में जुट जाए लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश का किसान राहत के अभाव में अपनी जान दे रहा है। इनसे बेख़बर शिवराज का चुनावी पर्यटन, करोड़ों की झूठी घोषणाएं, झूठे शिलान्यास, चुनावी भूमिपूजन का खेल जारी है।
ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दूसरा घर कहे जाने वाले विदिशा में यह बीस दिनों में किसान आत्महत्या का दूसरा मामला है। जिले के शमशाबाद तहसील के डंगरवाडा गांव के 35 वर्षीय किसान बलबीर लोधी ने 6 सितंबर को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या का कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद होना और कर्ज का बोझ बताया गया था।
पहले बारिश की खेंच और फिर अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में सोयाबीन सहित अन्य फसलें ख़राब हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुआवज़ा देने की बात कही है। मगर न तो सर्वे हो रहा है और न मुआवज़ा मिला है। मुआवज़े की राशि भी ऊँट के मुंह में जीरा जितनी मिली। इस कारण हताश किसान अपना जीवन खत्म कर रहे हैं।