MP में लंपी वायरस का दस्तक, अलर्ट और एडवाइजरी जारी, कमलनाथ ने जताई चिंता

लंपी वायरस की चपेट में आने पर पशुओं को बुखार आ जाता है, आंख एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलती है, शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ जाते हैं, साथ ही संक्रमित पशु दूध देना बंद कल देता है

Updated: Aug 05, 2022, 11:29 AM IST

भोपाल। कोरोना वायरस और मंकी पॉक्स के खतरे के बीच मवेशियों में लंपी वायरस का खतरा मंडराने लगा है। मवेशियों को होने वाली लंपी वायरस का संक्रमण देशभर में तेजी से फैल रहा है। राजस्थान के बाद अब मध्य प्रदेश में भी लंपी वायरस दस्तक दे चुका है। रतलाम के दो गांवों के मवेशियों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए हैं।

रतलाम जिले के जिले के सेमलिया और बरबोदना के आसपास के गांवों में गायों में इसके लक्षण देखे जा रहें हैं। इलाके में करीब एक दर्जन से ज्यादा गायों में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। हालांकि पशु चिकित्सा विभाग ने गायों में लंपी वायरस की पुष्टि नहीं की है। पशुपालन विभाग ने प्रदेश में अलर्ट जरूर जारी कर दिया है। 

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वेटरनरी विभाग के डायरेक्टर ने इसे लेकर प्रदेश के सभी जिलों को एडवायजरी जारी की है। फिलहाल विभाग ने लक्षण वाले पशुओं के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। और पशुओं को आइसोलेट कर उनके उपचार की बात कही है।जानकारी के अनुसार लंपी वायरस की चपेट में आने पर पशुओं को बुखार आ जाता है। आंख एवं नाक से स्राव, मुंह से लार निकलती है।

इसके अलावा शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ जाते हैं। साथ ही संक्रमित पशु दूध देना बंद कल देता है। गर्दन और सिर के पास गाठें दिखाई देती हैं। गनीमत ये है कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है। इस वायरस का असर पहले शरीर फिर खून पर होता है। वायरस तेजी से फैलने का एक कारण मच्छर और मक्खियों को भी माना जाता हैं। इस वायरस से ज्यादातर संक्रमित पशु 2 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। लेकिन दूध के उत्पादन में कई सप्ताह तक कमी बनी रहती है। इसमें मृत्यु दर लगभग 15 प्रतिशत है।

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कांग्रेस नेता कमलनाथ ने लंपी वायरस को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रदेश के कई जिलों से पशुओं में लंपी बीमारी होने के समाचार लगातार आ रहे हैं। मूक पशु अपनी पीड़ा खुद तो व्यक्त कर नहीं सकते हैं और पशुपालकों की बात सुनने के लिए सरकार के पास समय नहीं है। मैं प्रदेश सरकार से आग्रह करता हूं कि तत्काल इस विषय में आवश्यक कार्यवाही करें और प्रदेश को इस बीमारी से बचाएं।'