निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग, हाईकोर्ट पहुंची मध्य प्रदेश कांग्रेस

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में बीना विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता खत्म करने के लिए याचिका लगाई है। कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि विधानसभा सत्र में सप्रे को वे अपने साथ विपक्ष में नहीं बैठाएंगे।

Updated: Nov 28, 2024, 10:06 PM IST

इंदौर। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने वालीं बीना विधायक निर्मला सप्रे ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने से इनकार कर चुकी हैं। दलबदल कानून के तहत स्प्रे की सदस्यता निरस्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस अब हाईकोर्ट पहुंच गई है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इसे लेकर याचिका लगाई है। कांग्रेस ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि बीना से विधायक निर्मला सप्रे को वे अपने साथ नहीं बैठाएंगे। 16 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है, इसमें निर्मला को कांग्रेस सदस्य विपक्ष में अपने साथ नहीं बैठाएंगे। 

इसके साथ ही विधानसभा सत्र से पहले 15 दिसंबर को जो विधायक दल की बैठक होगी उसमें भी निर्मला सप्रे को नहीं बुलाया जाएगा। कांग्रेस ने इस बात को मान लिया है कि वे अब भाजपा की सदस्य हैं। चूंकि वह भाजपा की बैठकों में भी शामिल हो चुकी हैं।

यह भी पढ़ें: कर्ज के दलदल में धंसती जा रही MP सरकार, प्रदेश का हर नागरिक 50 हजार रुपये का कर्जदार

इससे पहले निर्मला ने 10 अक्टूबर को विधानसभा को भेजे जवाब में कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे साबित हो कि उन्होंने दल बदला। बता दें कि सत्ता के सुख की चाह में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तीन विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में से एक विधायक को सफलता मिली, जबकि दूसरे को असफलता और तीसरी विधायक निर्मला सप्रे फिलहाल अभी असमंजस में ही है। रामनिवास रावत की हार के बाद स्प्रे नहीं चाहती हैं कि इस्तीफा देकर वह उपचुनाव में जाएं।